अनंत चतुर्दशी आज, जानें पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व…

सनातन धर्म में अनंत चतुर्दशी व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन रवि योग और वृद्धि योग का शुभ योग भी बन रहा है। इस व्रत के करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं अनंत चतुर्दशी का महत्व, शुभ योग, पूजा मुहूर्त और पूजा विधि।

28 सितंबर दिन गुरुवार को अनंत चतुर्दशी का व्रत किया जाएगा। यह पर्व हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस तिथि को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन ही गणपति विसर्जन भी किया जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है और इस दिन अनंत सूत्र बांधने का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने सौभाग्य में वृद्धि होती है और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं अनंत चतुर्दशी का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त…

 

अनंत चतुर्दशी का महत्व

 

अनंत चतुर्दशी पर इस बार रवि और वृद्धि जैसे कई महायोग भी बन रहे हैं। अनंत अर्थात जिसका ना आदि यानी शुरुआत हो और ना ही अंत अर्थात वे भगवान विष्णु हैं। इस दिन गणपति विसर्जन के साथ गणेशोत्सव का भी अंत हो जाता है और इस दिन के बाद से पितृपक्ष आरंभ हो जाता है, इसलिए इस पर्व का महत्व और भी बढ़ जाता है। अनंत चतुर्दशी का व्रत करने से जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और धन धान्य में वृद्धि होती है।

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