छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू से चार साल की एक बच्ची की मौत हो गई है। कवर्धा की रहने वाली बच्ची सर्दी-जुकाम से पीड़ित थी। परिजनों ने उसे 4 जुलाई को रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां उसे निमोनिया बताया गया, बाद में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। रविवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची की मौत फेफड़ों के पूरी तरह काम बंद करने की वजह से हुआ है। महामारी नियंत्रण कें संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया, अभी पूरी तरह से पुष्ट नहीं हुआ है कि बच्ची की मौत की वजह स्वाइन फ्लू ही है। स्वाइन फ्लू डेथ ऑडिट के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनी है। वह परीक्षण करेगी। उसके बाद ही स्वास्थ्य विभाग आधिकारिक तौर पर स्वाइन फ्लू से हुई मौत के रूप में दर्ज करेगा।
हां यह स्पष्ट है कि बच्ची स्वाइन फ्लू पॉजिटिव थी। यह गंभीर खतरे की ओर इशारा कर रहा है। रविवार को बालोद में भी स्वाइन फ्लू का एक केस पॉजिटिव मिला है। यह भी छोटा बच्चा है, जिसमें कई दिनों से सर्दी-जुकाम और बुखार के लक्षण थे। प्रदेश भर में अब तक 28 लोग स्वाइन फ्लू की चपेट में आ चुके हैं। जिसमें से एक की मौत हो गई और 11 मरीज अभी भी एक्टिव हैं।
क्या है यह स्वाइन फ्लू
डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया, स्वाइन फ्लू भी सामान्य इंफ्लूएंजा यानी सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों वाला ही होता है। अंतर यह है कि सामान्य सर्दी-जुकाम अधिकतम तीन दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन स्वाइन फ्लू में यह कई दिनों तक चलता है। इससे श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचता है। छोटे बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और दिल, किडनी, फेफड़े, रक्तचाप, कैंसर आदि की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए यह फ्लू घातक हो सकता है।
यह लक्षण दिखें तो नज अंदाज न करें
डॉक्टरों का कहना है, स्वाइन फ्लू एक इंफ्लुएंजा वायरस की वजह से होता है जो सूअरों में पाया जाता है। तीन दिनों से अधिक समय तक 101 डिग्री से अधिक बुखार रह रहा हो, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ हो रही हो, नाक से पानी आ रहा हो या फिर नाक पूरी तरह बंद हो गई हो, थकान, भूख में कमी और उल्टी जैसे लक्षण स्वाइन फ्लू हो सकते हैं। अगर ऐसे लक्षण दिखें तो इसे नजर अंदाज न करें। तुरंत अस्पताल पहुंचकर जांच कराएं।