राज्यसभा सदस्य के लिए चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। राज्यसभा सांसद छाया वर्मा और रामविचार नेताम का कार्यकाल 22 जून को समाप्त हो रहा है। चुनावी तैयारियों के चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति के साथ ही दावेदार फिर सक्रिय हो गए हैं। हालांकि इस बार राज्यसभा की दोनों ही सीटें कांग्रेस के खाते में जाएंगी।
क्योंकि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कांग्रेस के 70 विधायक हैं और खैरागढ़ के परिणाम आने के बाद संख्या बढ़कर 71 होने की पूरी संभावना है। राज्यसभा सदस्य के लिए 31 विधायकों का समर्थन चाहिए। लेकिन भाजपा, जोगी कांग्रेस और बसपा विधायक मिलाकर कुल 19 ही हो रहे हैं। इस लिहाज से कांग्रेस की ओर दो नए सदस्य राज्यसभा में भेजे जाएंगे। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में छत्तीसगढ़ की पांच सीटें हैं। इनमें तीन कांग्रेस व दो भाजपा के कब्जे में है।
इस तरह होती है वोटिंग
राज्यसभा सदस्य चुनने के लिए विधायक वोट करते हैं। इनके वोट की कीमत एकल संक्रमणीय पद्धति से तय की जाती है। इस पद्धति के मुताबिक राज्यसभा में रिक्त सीटों की संख्या में एक जोड़कर विधायकों की संख्या का विभाजन किया जाता है। इसके नतीजों में फिर एक जोड़कर न्यूनतम वोटरों की संख्या तय की जाती है।
जैसे छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की दो सीटों पर चुनाव होने हैं। दो में एक जोड़ने पर अंक तीन होता है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में कुल 90 विधायक हैं, अब 90 को 3 से भाग देने पर 30 आाएगा। इस 30 में एक जोड़ने पर संख्या 31 होगी। किसी प्रत्याशी को जीत के लिए कम से कम 31 विधायकों के समर्थन की जरुरत होगी।
सरोज का कार्यकाल 2024 तक
राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय का कार्यकाल अप्रैल 2024 तक है। इससे पहले दिसंबर 2023 में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। यदि कांग्रेस दोबारा सत्ता में लौटती है तो राज्यसभा की पांचवीं सीट भी भाजपा के हाथ से निकल सकती है। लेकिन यदि बीजेपी सत्ता में वापसी करती है तो उस समय जो भी विधायकों की संख्या रहेगी, उस हिसाब से यह सीट बच जाएगी और नई सीटें भी मिल सकती हैं।