रायगढ़, 6 अगस्त 2022/ प्राकृतिक आपदा से पीडि़त परिवारों की सहायता के लिए उनके लंबित प्रकरणों का प्राथमिकता से निराकरण के निर्देश कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने जिले में पदभार ग्रहण करने के साथ ही अपनी पहली बैठक में दिए थे। जिससे पीडि़त परिवार को शासन की ओर से मिलने वाली सहायता राशि का उन्हें जल्द भुगतान हो। उनके निर्देश पर तेजी से अमल करते हुए पिछले 1 माह में प्राकृतिक आपदा के 37 प्रकरणों का निराकरण कर लिया गया है। इसमें पीडि़त परिवारों को 1 करोड़ 48 लाख की राशि का भुगतान जारी किया जा चुका है।
कलेक्टर श्रीमती साहू ने बैठक में अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा था कि प्राकृतिक आपदा के लंबित प्रकरणों की समीक्षा की जाए। लंबित होने के कारणों के आधार पर निराकरण के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए। जिससे पीडि़त परिवारों को मुआवजे की राशि जल्द मिल सके। उन्होंने कहा कि कई बार परिवार से किसी का चले जाना अपूर्णीय क्षति होती है। इसकी तो भरपाई करनी मुश्किल है लेकिन हम अपने दायित्वों का निर्वहन कर उन्हे आर्थिक राहत प्रदान कर सकते हैं। कई बार ऐसी घटनाओं में घर के मुखिया का निधन हो जाता है, ऐसे में यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। समय पर मुआवजा राशि मिलने से परिवार को आर्थिक संबल मिल जाता है। कलेक्टर श्रीमती साहू ने समय-सीमा की बैठकों में प्रकरणों के निराकरण की लगातार समीक्षा की। जिससे लगभग 1 माह के समय में 37 प्रकरणों का निराकरण कर लिया गया और परिवारजनों को 1 करोड़ 48 लाख की सहायता राशि जारी की गई है।
विकासखंडवार ये रहा आंकड़ा
रायगढ़ जिले में आरबीसी 6-4 के तहत माह जुलाई एवं अगस्त 2022 में कुल 37 प्रकरण आये थे। जिसे कलेक्टर श्रीमती रानू साहू के निर्देशन में राजस्व विभाग द्वारा शत-प्रतिशत निराकरण कर दिया गया है। जिसमें माह जुलाई 2022 में अनुविभाग पुसौर में 2, खरसिया में 2, घरघोड़ा में 5 एवं धरमजयगढ़ अनुविभाग में 2 कुल 11 प्रकरण शामिल थे। इसी तरह अगस्त 2022 में रायगढ़ में 5, खरसिया में 1, बरमकेला में 2, सारंगढ़ में 8, घरघोड़ा में 1, लैलूंगा में 5 एवं अनुविभाग धरमजयगढ़ में 4 प्रकरण कुल 26 प्रकरण शामिल थे।
इन परिस्थितियों में मिलती है सहायता राशि
प्राकृतिक आपदा, नैसर्गिंक विपत्तियों के कारण एवं गड्ढे में गिरने से मृत्यु होने परए सर्प, बिच्छु, गुहेरा या मधुमक्खी के काटने, नदी, तालाब, बांध, कुआं, नहर, नाला में डूूबने से अथवा नाव दुर्घटना एवं रसोई गैस का सिलेण्डर फटने, खदान धसकने, लू से मृत्यु हो जाने पर मृत व्यक्ति के परिवार के निकटतम व्यक्ति, वारिश को 4 लाख रुपये की सहायता दी जाती है। इसके अतिरिक्त प्राकृतिक आपदा से शारीरिक अंग हानि पर भी सहायता राशि देने का प्रावधान है।