अगर आप पीएफ खाता धारक हैं तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। मोदी सरकार की ओर से सेविंग स्कीम को बढ़ावा देने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के खाता धारकों को ज्यादा अंशदान करने की अनुमति दी जा सकती है। इसे लेकर श्रम मंत्रालय के एक सीनियर अफसर ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार पीएफ कंट्रीब्यूशन के लिए कर्मचारी के वेतन के हिस्से पर लगी सीमा को हटाने पर विचार कर रही है।
आपको बता दें कि वर्तमान में कर्मचारियों के मूल वेतन का 12 प्रतिशत अंश ईपीएफ में जमा होता है। भविष्य निधि में नियोक्ता के कुल योगदान का 8.33 प्रतिशत ईपीएफओ की कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है और हर महीने 3.67 प्रतिशत भविष्य निधि में जाता है। ईपीएफ का लाभ 67 मिलियन वेतनभोगी भारतीयों को मिलता है।
केंद्र की मोदी सरकार अब पीएफ कंट्रीब्यूशन में करेगा बदलाव:-
केंद्र की मोदी सरकार अब पीएफ कंट्रीब्यूशन में बदलाव लाकर अंशदान की सीमा को हटा सकती है। इसे लेकर वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर किसी कर्मचारी को लगता है कि अधिक सेविंग मासिक पेंशन में जानी चाहिए और रिटायर के वक्त मिलने वाली एकमुश्त धनराशि में कम हो, यह उसकी पसंद होनी चाहिए।
’15 हजार की वेतन सीमा को बढ़ाने पर विचार करे सरकार’
सेंटर फॉर इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU) के महासचिव टीएन करुमलाईयन ने कहा कि सरकार को सबसे पहले वेतन सीमा 15,000 रुपये बढ़ाने पर विचार करना चाहिए, जो मौजूदा समय में कुछ भी नहीं है। इससे प्रोविडेंट फंड और पेंशन योजना दोनों में योगदान का हिस्सा बढ़ जाएगा।
केंद्र सरकार के विभागों में कर्मियों को मिल रही हैं नौकरियां
ईपीएफओ ने नवंबर 1995 में पेंशन घटक को शुरू किया था। यह एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जो कर्मचारियों को पेंशन देती है। कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम 1952 के तहत भविष्य निधि बचत अनिवार्य है। इस बीच अधिकारियों ने यह भी बताया कि ईपीएफओ ने इस साल 7 नवंबर तक 4,300 लोगों को नौकरी दी है। केंद्र सरकार के विभागों में 60,000 नियुक्तियों के अलावा 5,000 अन्य लोगों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है।