CG News बस्तर में इंद्रावती नदी पार बीजापुर-नारायणपुर जिले के गांवों में हुई 39 ग्रामीणों की मौत का पता लगाने मेडिकल टीम गांव पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि, यह टीम 2 दिनों तक इन नक्सल प्रभावित गांवों में शिविर लगाएगी। 25 तारीख तक 7 गांव के बीमार 50 से ज्यादा ग्रामीणों का इलाज भी करेगी। साथ ही पिछले 5 महीने में किस बीमारी की वजह से ग्रामीणों की एकाएक मौत हुई है, उसके कारण का पता लगाएगी।

बस्तर में इंद्रावती नदी पार बीजापुर-नारायणपुर जिले के गांवों में हुई 39 ग्रामीणों की मौत का पता लगाने मेडिकल टीम गांव पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि, यह टीम 2 दिनों तक इन नक्सल प्रभावित गांवों में शिविर लगाएगी। 25 तारीख तक 7 गांव के बीमार 50 से ज्यादा ग्रामीणों का इलाज भी करेगी। साथ ही पिछले 5 महीने में किस बीमारी की वजह से ग्रामीणों की एकाएक मौत हुई है, उसके कारण का पता लगाएगी।जिसके बाद ही जिम्मेदार हरकत में आए और मेडिकल टीम को रवाना किया गया। ग्रामीणों ने बताया था कि अचानक लगातार मौतें हो रही हैं। पहले बुखार आता है। फिर हाथ-पैर फूलता है। इसके बाद मौत हो जाती है।
अब बीजापुर कलेक्टर राजेंद्र कटारा के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने 2 MBBS डॉक्टरों समेत 15 सदस्यीय टीम बनाई है। यह टीम नाव के सहारे इंद्रावती नदी को पार की, फिर इलाके के मर्रामेटा, पेंटा समेत अन्य गांवों में शिविर लगाया है। इधर, नारायणपुर जिले से भी स्वास्थ्य विभाग की टीम को रवाना किया गया है। वहां से भी टीम मौके पर पहुंच कुछ गांव के ग्रामीणों का इलाज करेगी। बताया जा रहा है कि टीम आने वाले 2-3 दिनों तक या जब तक सभी ग्रामीणों का उपचार नहीं हो जाता तब तक नहीं लौटेगी। बीजापुर के CMHO सुनील भारती ने बताया कि, टीम जब लौटेगी तब ही 39 लोगों के मौत के कारणों का पता लग पाएगा।
नेता प्रतिपक्ष बोले- विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा
छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता नारायण चंदेल ने कहा कि, यह बहुत गंभीर मामला है। बस्तर के आदिवासियों की बीमारी के चलते लगातार मौत हो रही है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी इस बात को कहा था। अभी हाल फिलहाल में जो आंकड़ें आए हैं वह भी चिंता का विषय है। इंद्रावती नदी पार गांव में ग्रामीणों की मौत के मामले को विधानसभा में जोर-शोर से उठाएंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे।
39 मौतें..कारण जानने नक्सलगढ़ पहुंचे स्वास्थ्यकर्मी:बुखार के बाद अचानक हाथ-पैर फूलने से गई जान; नाव से इंद्रावती नदी पार पहुंची टीम
बस्तर में इंद्रावती नदी पार बीजापुर-नारायणपुर जिले के गांवों में हुई 39 ग्रामीणों की मौत का पता लगाने मेडिकल टीम गांव पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि, यह टीम 2 दिनों तक इन नक्सल प्रभावित गांवों में शिविर लगाएगी। 25 तारीख तक 7 गांव के बीमार 50 से ज्यादा ग्रामीणों का इलाज भी करेगी। साथ ही पिछले 5 महीने में किस बीमारी की वजह से ग्रामीणों की एकाएक मौत हुई है, उसके कारण का पता लगाएगी।
दरअसल, एक दिन पहले दैनिक भास्कर ने सबसे पहले इस मामले को उजागर किया था। जिसके बाद ही जिम्मेदार हरकत में आए और मेडिकल टीम को रवाना किया गया। ग्रामीणों ने बताया था कि अचानक लगातार मौतें हो रही हैं। पहले बुखार आता है। फिर हाथ-पैर फूलता है। इसके बाद मौत हो जाती है।
अब बीजापुर कलेक्टर राजेंद्र कटारा के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने 2 MBBS डॉक्टरों समेत 15 सदस्यीय टीम बनाई है। यह टीम नाव के सहारे इंद्रावती नदी को पार की, फिर इलाके के मर्रामेटा, पेंटा समेत अन्य गांवों में शिविर लगाया है। इधर, नारायणपुर जिले से भी स्वास्थ्य विभाग की टीम को रवाना किया गया है। वहां से भी टीम मौके पर पहुंच कुछ गांव के ग्रामीणों का इलाज करेगी। बताया जा रहा है कि टीम आने वाले 2-3 दिनों तक या जब तक सभी ग्रामीणों का उपचार नहीं हो जाता तब तक नहीं लौटेगी। बीजापुर के CMHO सुनील भारती ने बताया कि, टीम जब लौटेगी तब ही 39 लोगों के मौत के कारणों का पता लग पाएगा।
ग्रामीणों का इलाज शुरू हो गया है।
ग्रामीणों का इलाज शुरू हो गया है।
नेता प्रतिपक्ष बोले- विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा
छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता नारायण चंदेल ने कहा कि, यह बहुत गंभीर मामला है। बस्तर के आदिवासियों की बीमारी के चलते लगातार मौत हो रही है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी इस बात को कहा था। अभी हाल फिलहाल में जो आंकड़ें आए हैं वह भी चिंता का विषय है। इंद्रावती नदी पार गांव में ग्रामीणों की मौत के मामले को विधानसभा में जोर-शोर से उठाएंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे।
इन गांवों के इतने लोगों की हुई मौत
ग्रामीणों के बताए अजुसार बीजापुर जिले के मर्रामेटा के 12, पेंटा के 3, पीडियाकोट के 7, बड़े पल्ली के 7 और नारायणपुर जिले के रेकावाया के 10 ग्रामीणों की मौत हुई हैं। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। दो महीने के अंदर मर्रामेटा में – मुन्ना, सुशीला, लाखू वेको, सुकलु मड़काम, मोती पोयाम, बामोन, मडला, सान्नि, आनीस, नाड़गू, गुड्डी और सानको सोढ़ी की मौत हुई है। जबकि, पेंटा में तुली, पोडिया, सोमारी की मौत हुई। रेकावाया पंचायत में कोपा, सोमालु, लखान, भीमा, मंगू, मिटाकी, रामे, कुम्मा, कोटाली, बुधराम की मौत हुई है।
CG News इलाके के ग्रामीणों ने बताया कि, जो बीमार हैं उनकी चिंता सता रही है। उन्होंने बताया कि पहले बुखार आता है, फिर हाथ-पैर फूलता है। इसके बाद जान चले जाती है। लगातार हो रही मौतों से सभी चिंतित हैं। इलाज नहीं मिलने के कारण अपनों को खोता देख ग्रामीण भी बेबस और परेशान हो चुके हैं। मेडिकल टीम गांव नहीं पहुंचती। मजबूरन सिरहा-गुनिया से झाड़-फूंक करवा रहे हैं। अब यही एक सहारा है। ग्रामीणों ने कहा