रेलवे में नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगे 2 लाख:ज्वाइनिंग लेटर भी दिया

बिलासपुर में रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर युवक से दो लाख रुपए ठगी करने का मामला सामने आया है। युवक नियुक्ति आदेश लेकर जॉइन करने पहुंचा, तब पता चला कि लेटर फर्जी है। युवक की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। दरअसल, युवक बिना ने एग्जाम दिए ही रेलवे में नौकरी पाने के लिए दो लाख रुपए दे दिए थे। मामला सिविल लाइन थाने का है।

मुंगेली जिले के लोरमी क्षेत्र के ग्राम कुकुरहट्टा निवासी हिमांशु पांडेय (24) ने पुलिस को बताया कि दो साल पहले उनके जीजा प्रियांशु मिश्रा के माध्यम से उसकी पहचान शुभम विहार निवासी अभिषेक पांडेय से हुई थी। इस दौरान अभिषेक ने उसे रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी लगाने का दावा किया। इसके लिए उससे दो लाख रुपए खर्च होने का झांसा दिया। साथ ही बताया कि बिना एग्जाम दिलाए उसे रेलवे में नौकरी मिल जाएगा।

मार्कशीट के साथ दिया दो लाख रुपए
हिमांशु ने बताया कि वह नौकरी की लालच में आकर अभिषेक को दो लाख रुपए देने के लिए तैयार हो गया। 3 अक्टूबर 2021 को वह शुभम विहार स्थित अभिषेक के घर पहुंचा। इस दौरान अपनी मार्कशीट के साथ उसने अभिषेक को दो लाख रुपए दिया।

ऑफिस पहुंचा तब पता चला फर्जी है लेटर
दो महीने बाद 21 जनवरी को अभिषेक ने हिमांशु को अपने घर बुलाया। इस दौरान उसने रेलवे का जॉइनिंग लेटर दिया और दो दिन बाद DRM ऑफिस बुलाया। हिमांशु लेटर लेकर DRM ऑफिस पहुंचा, लेकिन, वहां अभिषेक नहीं मिला। उसने तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर बाद में आने को कहा। इसके बाद बार-बार हिमांशु को टालता रहा।

तंग आकर हिमांशु लेटर लेकर अचानक DRM ऑफिस पहुंच गया। पूछताछ करने पर लेटर के फर्जी होने का पता चला। हिमांशु ने अभिषेक को फोन कर अपने रुपए वापस करने कहा, तब वह टालमटोल करने लगा। इसके बाद परेशान होकर उसने पुलिस से शिकायत कर दी। पुलिस ने अभिषेक के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।

सिविल लाइन पुलिस की दोहरी भूमिका
करीब दो माह पहले ऐसे ही नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने और फर्जी नियुक्ति आदेश लेकर पहुंचे युवक पर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। इस केस में पुलिस ने नौकरी लगाने के नाम पर 8 लाख रुपए देने वाले युवक को ही आरोपी बनाकर जेल भेज दिया। इसके साथ ही नौकरी लगाने के नाम पर फर्जी आदेश जारी करने वाले भाजपा पार्षद, आरक्षक और नगर निगम के कर्मचारी को भी आरोपी बनाकर जेल भेज दिया गया। लेकिन, रेलवे में नौकरी लगाने और फर्जी लेटर जारी करने के इस केस में पुलिस ने फर्जी लेटर लेकर जॉइन करने पहुंचे युवक को पीड़ित बता रही है। धोखाधड़ी के एक तरह के मामले में पुलिस की दोहरी भूमिका को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है।

Scroll to Top