बीरगांव, उरला, सिलतरा में लगे अछोली में औद्योगिक क्षेत्र में जमीन की उपलब्धता नहीं होने की वजह से अब उद्योगों के लिए नए क्षेत्रों में जमीन देने का निर्णय लिया गया है। बीरगांव और आसपास 700 से ज्यादा छोटी-बड़ी फैक्ट्रियों की वजह से वहां जमीन की कमी हो गई है । इस कारण राज्य सरकार ने सरोरा में नया प्लास्टिक पार्क बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण की सूचना अप्रैल के पहले हफ्ते में जारी कर दी है।
इसके लिए सरोरा में 32 एकड़ जमीन वहां रहने वाले लोगों से ली जा रही है। इस जमीन को डेवलप करने के बाद प्लास्टिक या उससे सामान बनाने वाले उद्योगपतियों को बांटी जाएगी। उद्योग लगाने और जमीन आवंटन का काम एक साल से भी कम समय में पूरा कर लिया जाएगा।
सरोरा में प्लास्टिक पार्क बनाने के लिए पिछली भाजपा सरकार ने भी कोशिश की थी। उस समय भी आवास एवं पर्यावरण विभाग ने जमीन अधिग्रहण के लिए योजना तैयार की थी। अब राज्य सरकसा ने फिर से इस योजना को लागू करने का फैसला किया है। सरोरा में 130752 वर्गमीटर यानी करीब 32 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जा रही है। जमीन अधिग्रहित करने की सूचना रायपुर कलेक्टर के साथ ही सीएसआईडीसी, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के संयुक्त संचालक और कमिश्नर नगर निगम को भी दी गई है।
आपत्तियों के साथ सुझाव भी
आवास एवं पर्यावरण विभाग की ओर से जमीन अधिग्रहण के लिए सूचना जारी करने के बाद उस पर दावा-आपत्तियों के साथ ही जरूरी सुझाव भी मांगे गए हैं। विभाग के अफसरों का कहना है कि सीएसआईडीसी इस जमीन पर प्लास्टिक पार्क बनाएगा। इसका ले-आउट तैयार कर लिया गया है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग में जमीन के इस ले-आउट को देखा जा सकता है। रकबे पर किसी को कोई आपत्ति है तो वो भी कर सकता है। सूचना जारी होने की तारीख से 15 दिनों तक ही आपत्तियां स्वीकार की जाएंगी। इसके अलावा प्लास्टिक पार्क को लेकर कोई सुझाव हो तो उसे भी बताया जा सकता है।
इस तरह के होंगे निर्माण
देश के कई राज्यों में प्लास्टिक पार्क बन रहे हैं। नए प्लास्टिक पार्क में छोटी-बड़ी 40 से ज्यादा फैक्ट्रियां बनेंगी। इसके अलावा इस पार्क में प्रशासनिक भवन, बैंक, कैंटीन, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, श्रमिकों के लिए डोरमेट्री, प्रबंधकीय आवास, कामन फैसिलिटी सेंटर आदि बनेंगे। इस तरह के प्लास्टिक पार्क देश के कई शहरों में भी बनने शुरू हो गए है। पार्क में आधुनिक प्लांट व मशीनरी भी लगाई जाएगी।
प्लास्टिक पार्क एक नजर में
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने देशभर में 10 प्लास्टिक पार्क बनाने की मंजूरी दी है। यह पार्क 2019 में शुरू की गई प्लास्टिक पार्क योजना के तहत बनाए जा रहे हैं। यह प्लास्टिक पार्क छत्तीसगढ़ के अलावा मध्य प्रदेश, असम, तमिलनाडू, ओडिशा, झारखंड और उत्तराखंड में बनाए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार का मानना है कि प्लास्टिक के इंटरनेशनल मार्केट में भारत का हिस्सा बेहद कम है। प्लास्टिक का अंतरराष्ट्रीय व्यापार 1 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर है। इसमें भारत का हिस्सा केवल 1 प्रतिशत ही है। इसलिए इस उद्योग को बढ़ाने प्लास्टिक पार्क बनाए जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि भारत में रीसाइकिलिंग एक बड़ी चुनौती है। देशभर में केवल 60 प्रतिशत प्लास्टिक कचरे को रिसाइकल किया जाता है।
प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण से बड़े पैमाने पर जलीय संसाधनों को खतरा है। इसलिए कई बार प्लास्टिक पार्क बनाने का विरोध होता आया है।