सऊदी अरब ने अपने कच्चे तेल पर प्रीमियम घटाकर 3.50 डॉलर प्रति बैरल करके ग्लोबल ऑयल मार्केट में एक बड़ा महत्वपूर्ण कदम उठाया है. पिछले साल तक सऊदी अरब कच्चे तेल पर लगभग 10 डॉलर की दर से प्रीमियम वसूल रहा था. इस फैसले का वैश्विक तेल बाजार और ग्राहकों पर अलग-अलग असर होगा. अनुमान जताया जा रहा है कि रूस से मिल रहे सस्ते क्रूड से मुकाबला करने के लिए सऊदी ने ये कदम उठाया है. एशियाई प्रीमियम में की गई कमी से अब भारत को सऊदी अरब से पहले के मुकाबले कम कीमत में कच्चा तेल मिलेगा. सऊदी अरब रूस और ईरान के बाद भारत को तेल निर्यात करने वाला तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है.
सऊदी के इस कदम से पहले ही कच्चा तेल उत्पादन करने वाले देशों के संगठन OPEC के कई सदस्य देशों ने एशियाई प्रीमियम को या तो खत्म कर दिया था या इसे बेहद कम कर दिया था. अब प्रमुख क्रूड उत्पादक देश सऊदी अरब के प्रीमियम कटौती के फैसले से एक बार फिर से बढ़ रहे कच्चे तेल के दाम रुकने का अनुमान है. इस कटौती के बाद सऊदी अरब के कच्चे तेल की डिमांड बढ़ सकती है. जिसके बाद दूसरे प्रमुख क्रूड उत्पादक देश अलग अलग रास्तों से अपने कच्चे तेल को सस्ता करने की कोशिश करेंगे. इससे एक बार फिर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने की आशंका खत्म हो जाएगी और लोगों को सस्ता फ्यूल मिलने की उम्मीद बढ़ जाएगी