Vande Bharat Metro Trains भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक के बाद एक कई विकास कार्य कर रहा है. इसी कड़ी में रेलवे वंदे मेट्रो ट्रेन (Vande Metro Train) का निर्माण कर रहा है, जो 1950 और 60 के दशक में डिजाइन की गई मेट्रो का स्थान लेंगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 18 दिसंबर (रविवार) को इस बात की जानकारी दी. उन्होंने ये भी कहा कि पहली स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित हाइड्रोजन ट्रेन दिसंबर 2023 में शुरू होगी.
रेल मंत्री ने बताया कि हम वंदे मेट्रो ट्रेन का डिजाइन तैयार कर रहे हैं और डिजाइन मई या जून तक तैयार हो जाना चाहिए. हम एक विश्वस्तरीय वंदे मेट्रो डिजाइन कर रहे हैं, जो एक बड़ी कामयाबी होगी. उन्होंने कहा कि इन वंदे मेट्रो ट्रेन का निर्माण इतनी बड़ी संख्या में किया जाएगा कि देश भर में 1950 और 1960 के दशक की डिजाइन वाली ट्रेन को बदल दिया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि वंदे मेट्रो मिडिल क्लास और गरीबों को ध्यान में रखते हुए बनाई जा रही हैं. इसका फोकस अमीर ग्राहकों पर नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि अमीर लोग अपना ख्याल रख सकते हैं. केंद्र सरकार, खासकर पीएम नरेंद्र मोदी का फोकस मिडिल क्लास और गरीब लोगों पर है. रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि रेलवे हर भारतीय के जीवन में बड़ा परिवर्तनकारी बदलाव लाएवहीं, हाइड्रोजन बेस्ड ट्रेन पर हुए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वंदे भारत की ही तरह भारतीय इंजीनियर्स इसे डिजाइन कर रहे हैं. उन्होंन आगे कहा कि डिजाइन की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है और हम दिसंबर 2023 तक देश में पहली हाइड्रोजन ट्रेन शुरू कर पाएंगे. वहीं, रेलवे के निजीकरण पर बोलते हुए वैष्णव ने कहा कि रेलवे एक रणनीतिक क्षेत्र है और यह सरकार के पास रहेगा.
देश में चल रहीं वंदे भारत ट्रेनों को यात्रियों के लिए और बेहतर बनाने के लिए इसमें स्लीपर क्लास जोड़े जाएंगे. रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे वंदे भारत-3 की डिजाइन पर काम कर रहा है, जिसमें स्लीपर क्लास भी होगा. वंदे भारत-3 को लंबी दूरी की यात्रा के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा
Also Read Raigarh News: महिला पार्षद, उसके पति और पार्षद की महिला मित्र पर लूटपाट, मारपीट का अपराध दर्ज…
Vande Bharat Metro Trains इसके अलावा, मुंबई-अहमदाबाद के बीत बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर बात करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि उसका काम पूरी स्पीड से चल रहा है. रेल मंत्री ने कहा कि बुलेट ट्रेन संचालन की तकनीक जटिल है, लेकिन भारतीय इंजीनियरों ने तकनीक में महारत हासिल कर ली है. उन्होंने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर के सफल समापन के बाद रेलवे देश में 11 या 12 और कॉरिडोर बनाने का काम करेगा. .