उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में योगी सरकार (Yogi Government) के कैबिनेट मंत्री इस समय देश के कई प्रदेशों की तरह ही सबसे ज्यादा पढ़ी लिखी कैबिनेट में शमिल है. मंत्रिपरिषद में शामिल 45 सदस्यों में से 18 मंत्री पोस्ट ग्रेजुएट हैं, 9 मंत्री 8 से 12 तक की पढ़ाई वाले हैं, 8 ग्रेजुएट और 2 डॉक्टर हैं. मगर, सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को उनके सिपाहसलार ही चुनौती देते नदर आ रहे हैं, चूंकि कैबिनेट में कई दागी भी शामिल हैं. ऐसे में मंत्रीमंडल के 22 यानी कि (49 फीसदी) मंत्रियों पर आपराधिक केस दर्ज हैं. इसके अलावा 20 यानि कि (44 फीसदी) पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
जितिन प्रसाद व संजय निषाद
दरअसल, एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्मस (ADR)/उप्र इलेक्शन वाच के अनुसार, जिन 45 मंत्रियों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया गया है, उनमें 39 (87 प्रतिशत) मंत्री करोड़पति हैं. हालांकि, मंत्रियों की औसत संपत्ति 9 करोड़ रुपए है. इसी क्रम में जितिन प्रसाद व संजय निषाद के शपथपथ स्पष्ट न होने और जेपीएस राठौर, नरेंद्र कश्यप, दिनेश प्रताप सिंह, दयाशंकर मिश्र दयालु, जसवंत सैनी दानिश आजाद अंसारी का विवरण उपलब्ध न होने की वजह से उन्हें विश्लेषण में शामिल नहीं किया गया है. बाकी बचे हुए 45 मंत्रियों के विश्लेषण में सामने आया है कि 22 (49 प्रतिशत) ऐसे मंत्री हैं, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. जबकि इनमें 20 (44 प्रतिशत) ऐसे हैं, जिन्होंने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर दर्ज हैं सबसे ज्यादा केस
वहीं, योगी सरकार की कैबिनेट में शामिल जिन सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामले घोषित हैं, उनमें नंद गोपाल गुप्ता नंदी, दया शंकर सिंह, मयंकेश्वर शरण सिंह, केशव प्रसाद मौर्य, भूपेंद्र चौधरी, राकेश सचान, कपिल देव अग्रवाल, रविंद्र जायसवाल, योगेन्द्र उपाध्याय, मनोहर लाल, डा.सोमेन्द्र सिंह तोमर, गिरीश चंद्र यादव, संजय सिंह गंगवार, दिनेश खटीक, अनिल राजभर, ब्रजेश सिंह, सतीश चंद्र शर्मा, सुरेश राही, प्रतिभा शुक्ला, विजयलक्ष्मी गौतम, रमेश सिंह व धर्मपाल सिंह के नाम शामिल हैं.उसमें सबसे अधिक मामले प्रयागराज से जीतकर आए नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर हैं. उन पर कुल 7 आपराधिक मामले हैं इसमें 13 गंभीर किस्म की धाराओं में हैं.
18 मंत्री पोस्ट ग्रेजुएट और दो डॉक्टर शामिल
बता दें कि मंत्रियों की शैक्षिक योग्यता के विश्लेषण में सामने आया है कि 9 (20 प्रतिशत) मंत्री ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता 8 वीं से 12वीं के बीच घोषित की है. ऐसे में 36 (80 प्रतिशत) मंत्रियों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक व उससे ज्यादा घोषित की है. इसके अलावा 20 (44 प्रतिशत) मंत्री ऐसे हैं, जिनकी उम्र 30 से 50 साल के बीच में है. जबकि 25 (56 प्रतिशत) मंत्रियों की आयु 51 से 70साल की बीच है. इसके अलावा चुने गए मंत्रियों में 8 ग्रेजुएट और दो डॉक्टर हैं.
योगी सरकार के 39 मंत्री करोड़पति लिस्ट में शामिल
गौरतलब है कि सूबे में करोड़पतियों मंत्रियों के बारे में बात करें तो 45 में से 39 मंत्री करोड़पति हैं. उनकी औसतन संपत्ति 9 करोड़ रुपए है. इसमें सबसे अधिक अमीर तिलोई से विधायक और मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह हैं. उन्होंने 58.07 करोड़ की संपत्ति की घोषणा की है। जबकि विधान परिषद से चुने गए धर्मवीर ने सबसे कम 42.91 लाख की संपत्ति की घोषणा की है. जहां तक सवाल देनदारियों का है तो इसमें राकेश सचान सबसे आगे हैं, उन पर 8.17 करोड़ की देनदारियां बाकी हैं.