4 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है विश्व कैंसर दिवस?

 4 फरवरी2022 स्वास्थ्य: विश्व कैंसर दिवस के लिए हर साल एक नई थीम तैयार करने की परंपरा है. इस साल 2022 में कैंसर दिवस की थीम क्लोज द केयर गैप (Close The Care Gap) है. 4 फरवरी को इसी थीम के साथ पूरी दुनिया कैंसर दिवस को मनाएगी.

दुनिया में व्याप्त खतरनाक बीमारियों में कैंसर भी एक जानलेवा और खतरनाक बीमारी है. कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है और यह एक हिस्से से किसी दूसरे हिस्से में बड़ी ही आसानी से फैल सकता है. शरीर के किसी एक हिस्से में सबसे पहले होने वाले कैंसर को प्राइमरी ट्यूमर कहते है. जिसके बाद शरीर के दूसरे हिस्सों में होने वाला ट्यूमर मैटास्टेटिक या सेकेंडरी कैंसर कहलाता है. अगर पहली स्टेज में कैंसर का पता चल जाता है तो काफी हद तक संभावना को पीड़ित को बचाया जा सकता है.

जब कैंसर किसी पीड़ित व्यक्ति एक स्टेज से दूसरी स्टेज में शिफ्त होता है या फिर एक अंग से दूसरे अंग में फैलता है तो इसमें लिम्फेटिक सिस्टम में कैंसर की कोशिकाएं प्राइमरी ट्यूमर से टूट कर शरीर के दूसरे अंगों तक चली जाती हैं. लिम्फेटिक सिस्टम टिश्यूज और अंगों का शरीर में एक ऐसा समूह है जो संक्रमण और बीमारियों से लड़ने के लिए कोशिकाएं बनाकर इन्हें स्टोर करके रखता है.

आपको बता दें कि किसी भी व्यक्ति में कैंसर तीन तरह से फैलता है. पहला है डायरेक्ट एक्सटेंशन या इंवेजन, जिसमें प्राइमरी ट्यूमर आस-पास के अंगों और टिश्यूज में फैलता है. उदाहरण के लिए प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित शख्स ब्लैडर तक पहुंच जाता है.

खून में फैलने वाले कैंसर को हीमेटोजिनस स्प्रैड कहा जाता है, इसमें कैंसर पीड़ित कोशिकाएं प्राइमरी ट्यूमर से टूट कर खून में आ जाती हैं और खून के साथ शरीर के दूसरे हिस्सों तक पहुंच जाती हैं.

सामान्य तौर पर कैंसर की पहली स्टेज में शरीर के किसी हिस्से में गांठ महसूस होना, कुछ खाने या पीने के समय निगलने में कठिनाई होना, पेट में लगातार दर्द का बना रहना, किसी तरह की चोट लगने पर घाव का ठीक न होना. स्किन पर निशान पड़ जाना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द बने रहना, सीने में दर्द होना, खांसते समय दर्द का महसूस होना.

थोड़े से काम में थकान का होना और कमजोरी आना. यदि महिलाओं के निप्पल में किसी तरह का बदलाव होता है तो वह ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकात है, शरीर का वजन अचानक से कम या ज्यादा होना.

कैंसर को लेकर कुछ हैरान करने वाले साक्ष्य सामने आए हैं. डब्ल्यूएचओ की मानें तो दुनिया में हर में हर साल होने वाली 8 मौतों में 1 मौत की वजह कैंसर ही है. रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा ब्रेस्ट, सर्वाइकल, प्रोस्टेट, मुंह और बड़ी आंत के कैंसर के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं. इंडियन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, भारत में अगले 10 सालों में करीब डेढ़ करोड़ लोगों को कैंसर होने की आशंका है. एक चौकाने वाली रिपोर्ट यह भी है कि इसमें से करीब 50 प्रतिशत कैंसर के मामले ला इलाज होंगे.