महंगे गेहूं और आटे से आम आदमी को राहत देने के लिए सरकार की तरफ से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. इसी के मद्देनजर सरकार ने गेहूं के आरक्षित मूल्य को घटा दिया है. इसके अलावा सरकार ओपन मार्केट के तहत 25 लाख टन गेहूं को ई-ऑक्शन के जरिये बेच रही है. ये नीलामी एफसीआई (FCI) के जरिये की जा रही हैं. अब तक इसकी दो नीलामियां हो चुकी हैं, अब तीसरी नीलामी अगले सप्ताह होनी है. तीसरी ई-नीलामी में आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को 11.72 लाख टन गेहूं की बिक्री की पेशकश की जाएगी
25 लाख टन गेहूं बेचने की योजना
एफसीआई (FCI) ने घरेलू कीमत में तेजी को रोकने के लिए किए गए सरकारी प्रयासों के तहत मार्च अंत तक खुली बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत थोक ग्राहकों को 25 लाख टन गेहूं बेचने की योजना बनाई है. पिछली दो साप्ताहिक ई-नीलामी में करीब 12.98 लाख टन गेहूं बेचा गया था, जिसमें से 8.96 लाख टन बोलीदाताओं द्वारा उठा लिया गया है. इस कदम के बाद गेहूं और आटा के रिटेल रेट में गिरावट आई है.
रिजर्व प्राइस को घटाया गया
Wheat Price Cut:खाद्य मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि एफसीआई (FCI) 22 फरवरी को सुबह 11 बजे होने वाली तीसरी ई-नीलामी के दौरान देशभर के 620 डिपो से 11.72 लाख टन गेहूं की बिक्री की पेशकश करेगा. सरकार ने गेहूं और आटे की कीमत में कमी लाने के लिए ओएमएसएस (OMSS) योजना के तहत गेहूं की बिक्री के लिए रिजर्व प्राइस को और घटाकर 2,150 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया.