सरकार की तरफ से गेहूं, आटे और चावल की खुदरा कीमत में कमी लाने का लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. पिछले दिनों ओपन मार्केट में एफसीआई ने लाखों टन गेहूं की नीलामी की थी. इससे गेहूं और गेहूं के आटे का रेट नीचे आया था. अब सरकार एक बार फिर से गेहूं और आटे की कीमत पर नियंत्रण लगाने की तैयारी कर रही है. भारतीय खाद्य निगम (FCI) की 12 जुलाई को होने वाली तीसरे चरण की ई-नीलामी में ‘बफर स्टॉक’ से थोक ग्राहकों को 4.29
12 जुलाई को FCI की तीसरे चरण की ई-नीलामी
सरकार घरेलू आपूर्ति में सुधार और चावल, गेहूं और आटे की खुदरा कीमत पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठा रही है. इसके तहत ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) में थोक उपभोक्ताओं को एफसीआई (FCI) भंडार से गेहूं और चावल की बिक्री कर रही है. खाद्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि एफसीआई (FCI) तीसरे चरण की ई-नीलामी में देशभर में 482 डिपो से 4.29 लाख टन गेहूं और 254 डिपो से 3.95 लाख टन चावल की बिक्री करेगा.
Cutमंत्रालय ने कहा, ‘पूरे देश में उचित और औसत गुणवत्ता (FQ) वाले गेहूं के लिए आरक्षित मूल्य 2,150 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले भारांश औसत बिक्री मूल्य 2,154.49 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि मानदंडों में कुछ छूट (URS) वाले गेहूं का भारांश औसत बिक्री मूल्य 2,125 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य के मुकाबले 2,132.40 रुपये प्रति क्विंटल था