कौन नहीं चाहता है कि उसे परमानंद की प्राप्ति हो. बार-बार इस पृथ्वी लोक पर जन्म और मृत्यु के बंधन से छुटकारा मिल जाए. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए शिवलिंग का विशेष रूप से पूजन करना चाहिए. बिंदु रूपा देवी उमा माता हैं और नाद स्वरूप भगवान शिव पिता हैं. इन माता-पिता के पूजित होने से परमानंद की प्राप्ति होती है. देवी उमा जगत की माता हैं और भगवान शिव इस जगत के पिता हैं, इसलिए इनकी सेवा करने वालों को पुत्र रूप में कृपा प्राप्त होती है. नित्य सेवा करने पुत्र पर माता-पिता अपना आशीर्वाद निरंतर बढ़ाते रहते हैं.
शिवपुराण में शिवलिंग के पूजन की विधि बताते हुए लिखा है कि गाय का दूध, गाय का दही और गाय के घी को पूजन के लिए शहद और शक्कर के साथ अलग-अलग रखना चाहिए. वैसे इन सबको मिलाकर पंचामृत भी बनाया जा सकता है. इससे शिवलिंग का अभिषेक करने के बाद जल से स्नान कराएं. बाद में गाय के दूध से बनी मिठाई एवं नैवेद्य भगवान शिव को श्रद्धा पूर्वक अर्पित करें. अभिषेक करने से आत्मशुद्धि होती है.