Cg News छत्तीसगढ़ में सीमेंट कंपनियों ने कीमतों में इजाफा कर दिया गया है। प्रति बोरी 40-50 रुपए बढ़ाए गए हैं। इससे दाम 310 रुपए हो गए हैं। खास बात यह है कि, कीमतों में बढ़ोतरी झारखंड, वेस्ट बंगाल, ओडिशा और MP से आने वाली डिमांड के चलते हुई है।
प्रदेश में हर महीने करीब 30 से 32 लाख टन सीमेंट का प्रोडक्शन होता है, लेकिन यहां इसकी खपत महज 8 लाख टन ही होती है। बाकी माल दूसरे राज्यों में भेजा जाता है। वहीं सीमेंट की कीमतें बढ़ने के बाद इस पर सियासत भी तेज हो गई है।
रायपुर से भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने इस मामले में अपनी ही सरकार को घेरा है। उन्होंने दरें कम करने के लिए केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और CM विष्णुदेव साय को पत्र लिखा है। जबकि कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में है।
चौथी बार दाम बढ़ाने की कोशिश
सीमेंट कंपनियां काफी समय से दाम बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं। पिछले 5 महीने में चौथी बार सीमेंट की कीमतें बढ़ाने की कोशिश की गई है, लेकिन सरकार के दबाव और मार्केट सपोर्ट नहीं मिलने की वजह से फैसला वापस लेना पड़ा।
अगस्त में भी डीलर्स को कीमतें बढ़ाने को लेकर मैसेज किया गया था, लेकिन डिमांड नहीं होने की वजह से फैसला वापस ले लिया। इस महीने झारखंड, वेस्ट बंगाल, ओडिशा, मध्यप्रदेश, बिहार और यूपी से डिमांड आई है, जिसके चलते छत्तीसगढ़ में भी सीमेंट के दाम बढ़ गए हैं।
- पहले 1 अप्रैल 2024 से 30 रु. प्रति बोरी रेट बढ़ाया गया लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते फैसला टाल दिया गया।
- इसके बाद जून में भी 25 से 30 रु. की बढ़ोतरी करने की कोशिश की गई लेकिन सपोर्ट नहीं मिला और दाम वहीं रहे।
- अगस्त में भी 20 रु. बढ़ाने का ऐलान किया गया था लेकिन ये भी फैसला वापस ले लिया गया।
- अब 1 सितम्बर से नया रेट लागू किया गया है और 50 रु. प्रति बोरी कीमत बढ़ाई गई।
फिर से दाम वापस लेने का दबाव
सीमेंट कंपनी से जुड़े एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सियासी बवाल और चौतरफा दबाव के चलते सीमेंट कंपनियों पर फिर से दाम वापस लेने का प्रेशर है। ऐसे में आने वाले दिनों में इस पर कोई फैसला लिया जा सकता है। एक-दो दिनों में कीमतें कम हो सकती हैं।
कागजों में रेट बढ़ा लेकिन दुकानों में अब भी पुराना रेट
Cg News कंपनियों ने सीमेंट के दाम भले ही बढ़ा दिए हों, लेकिन जब हमने बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर्स से बात की तो पता लगा कि अब तक मार्केट में 50 रुपए की बढ़ोतरी नहीं हुई है। कुछ सप्लायर्स ही पुराने स्टॉक को 20 से 25 रु. बढ़ाकर बेच रहे हैं।