रायपुर, 13 नवम्बर 2024
भगवान बिरसा मुंडा की जयंती से दो दिन पूर्व उनके स्मृति में जशपुर में आयोजित जनजातीय गौरव यात्रा में मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय श्रम, युवा एवं रोजगार मामले तथा खेल मंत्री श्री मनसुख मंडाविया, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सहित प्रदेश के मंत्रीगण शामिल हुए। स्थानीय रणजीता स्टेडियम में यात्रा के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि श्री मांडविया ने माई भारत वॉलिंटियर्स द्वारा आयोजित इस यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि यात्रा में शामिल होकर यहाँ की आदिवासी संस्कृति, विरासत, यहाँ की रहन-सहन, वेशभूषा को देखने और जानने का अवसर मिला। इस यात्रा से युवाओं को एकजुट होने और समाज को देश के प्रति जागरूक बनाते हुए उन्हें आगे बढ़ाने की प्रेरणा मिली है। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा जी से प्रेरणा लेकर समाज आगे बढ़े और देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा विकसित भारत बनाने के संकल्प से जुड़कर देश को विकास के साथ जुड़कर काम करें।
केंद्रीय मंत्री श्री मांडविया ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत के विकास के लिए जो योजनाएं बनाई है, उसमें आप सभी को जुड़ना है। माई भारत एप्लिकेशन में जाकर अपना रजिस्ट्रेशन भी कराना है। केंद्रीय मंत्री श्री मांडविया ने कहा कि सुबह से पदयात्रा करते हुए यहाँ के लोक जीवन का परिचय हुआ। जनजाति समाज सहित अन्य समाज के लोग भी इसमें शामिल नजर आए और जगह-जगह अलग-अलग तरीके से स्वागत, अभिनन्दन करते रहे। जगह-जगह स्टॉल लगाकर पानी पिलाना, फल सहित अन्य खाद्य सामग्री बाटना और यात्रा में शामिल सभी लोगों को प्रोत्साहित करते हुए देखकर खुशी हुई। इस यात्रा के दौरान मैंने भी कुछ लोगों से बात की। मुझे देश का उज्ज्वल भविष्य नजर आया। मैं जान पाया कि हमारा देश आगे बढ़ रहा है। उन्होंने जनजातीय गौरव यात्रा के सफल आयोजन के लिए सभी के प्रति आभार भी जताया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में आदिवासियों का गौरव लगातार बढ़ रहा है। भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती 15 नवंबर को आज पूरे देश में आदिवासी स्वाभिमान और गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है। सर्वाेच्च पद पर आज आदिवासी समाज की महिला द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति के रूप में सुशोभित हैं। अति पिछड़े आदिवासियों के विकास को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उच्च प्राथमिकता दी है। पीएम जनमन योजना से जनजातीय समुदाय की तस्वीर बदल रही है। धरती आबा आदिवासी ग्राम उत्कर्ष योजना लॉन्च की गई है और इसके लिए 80 हजार करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेई को भी याद किया। आदिवासियों की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने भारत सरकार में पृथक आदिवासी विकास मंत्रालय का गठन किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राजधानी रायपुर में 14 और 15 नवंबर को देश भर के आदिवासियों की संस्कृतियों का प्रदर्शन होगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने माटी के वीर पदयात्रा समारोह में शामिल होने के लिए केंद्रीय मंत्री श्री मांडविया के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पदयात्रा बेहद सफल रही। उम्मीद से ज्यादा युवा पदयात्रा में शामिल हुए। लोगों को आदिवासी संस्कृति और जनजीवन को निकट से देखने का मौका मिला। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जय, जयकार से पूरा स्टेडियम गुंज उठा।
उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने अन्याय के खिलाफ अंग्रेजों से लोहा लिया। लोगों को उनका हक दिलाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। युवाओं को भगवान बिरसा मुंडा के जीवन से प्रेरणा लेकर देश को विकसित बनाने के अभियान सहभागी बनना चाहिए।
आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने भी समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज की पदयात्रा में 15 हजार से अधिक नौजवान शामिल हुए। सभी शुरू से अंत तक पैदल चलकर एकजुटता का संदेश दिया। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को गौरव दिवस के रूप में स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने पीएम जनमन सहित धरती आबा उत्कर्ष योजना से आ रहे बदलाव के बारे में बताया। वित्त मंत्री एवं जशपुर जिले के प्रभारी मंत्री ओपी चौधरी ने समारोह के अंत में आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री टंक राम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद श्री राधेश्याम राठिया एवं श्री चिंतामणी महराज, विधायक श्रीमती गोमती साय, श्रीमती रायमुनि भगत, श्री राम कुमार टोप्पो, श्री सुशांत शुक्ला, राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती प्रियम्बदा सिंह जूदेव सहित श्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, श्री रणविजय सिंह जूदेव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में युवा और नागरिकगण उपस्थित थे।