यहाँ की सरकार 5 हजार से ज्यादा महिलाओं को देगी मुफ्त ई-रिक्शा!..जानें पूरी योजना

रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव की तस्वीर लगभग साफ़ हो चुकी है। हेमंत सोरेन की अगुवाई वाले झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। वही इन नतीजों से भाजपा को गहरा झटका लगा है। बीजेपी ने इस आदिवासी राज्य में सत्ता पाने के लिए माटी, रोटी, बेटी बचाओ का नारा दिया था। बीजेपी ने अपने प्रचार के दौरान झारखण्ड में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे को जोरशोर से उठाया था और ध्रुवीकरण करने की कोशिश की थी। हालांकि भाजपा अपने इस रणनीति पर कामयाब नहीं हो सकी और झामुमो की अगुवाई वाली इण्डिया गठबंधन ने यहाँ जीत हासिल की है।

वही अब झामुमो की नई सरकार राज्य के हित में कई बड़े फैसले ले सकती है। हालांकि इस फैसलों का प्रस्ताव पुरानी हेमंत सरकार ने ही विधानसभा में लाया था। अब जब राज्य में दोबारा हेमंत सोरेन की सरकार बना तय हो गया है तो उम्मीद जताई जा रही है कि वह कई बड़े फैसले ले सकते है।

आइये जानते हैं उन संभावित फैसलों के बारें में
झारखंड में नई सरकार बनने के बाद एक दर्जन से अधिक लंबित विषयों पर फैसला होने की संभावना है। इसमें जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति समेत एक दर्जन से अधिक बड़े फैसले शामिल हैं।

नई सरकार राज्य में नियुक्ति प्रक्रिया को प्राथमिकता देगी। जल्द ही खाली पदों पर नियुक्ति शुरू किए जाने की संभावना है। वहीं, राज्य को नई शराब नीति मिल सकती है। सखी मंडल के 5000 महिला उद्यमियों को मुफ्त ई-वाहन मिलेंगे।

जेपीएससी अध्यक्ष का पद पिछले तीन माह से खाली है। इस कारण 600 से अधिक पदों के लिए हुई परीक्षा का रिजल्ट अटका हुआ है। अध्यक्ष की नियुक्ति होते ही 342 पदों पर बहाली के लिए सिविल सेवा मुख्य परीक्षा, विश्वविद्यालयों के 322 सहायक प्राध्यापक और अधिकारियों के लिए हुई परीक्षा का रिजल्ट आ जाएगा।

निजी हाथों में शराब बिक्री का अधिकार
नई सरकार के बनने के बाद राज्य को नई शराब नीति मिल सकती है। सरकार शराब से संबंधित नियमों और नीतियों को फिर से निर्धारित कर सकती है। शराब नीति में सुधार या बदलाव से शराब की बिक्री, वितरण, और नियमन के तरीके में बदलाव हो सकता है। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने चुनाव घोषणा से पहले शराब की बिक्री से संबंधित नई नियमावली बनाकर सहमति के लिए राजस्व पर्षद को भेजा था। नई उत्पाद नीति में खुदरा शराब का व्यवसाय निजी हाथों में देने का प्रस्ताव है।

राजस्व पर्षद ने यह कहकर उसे लौटा दिया था कि इस पर पहले विधि विभाग व वित्त विभाग से सलाह ली जाए। इसके बाद ही नई नियमावली से संबंधित फाइल पर्षद को सहमति के लिए भेजी जाए। इसी दौरान राज्य में चुनाव की घोषणा हो चुकी थी। इस कारण आचार संहिता लागू होने से फिर बात आगे नहीं बढ़ सकी। अब इस विषय पर निर्णय हो जाने की संभावना है।

धान का एमएसपी बढ़ेगा
एनडीए व इंडिया ने धान का एमएसपी बढ़ाने का वादा किया है। हालांकि, टाइम लाइन नहीं दी गई है। धान की फसल कट रही है। इसलिए, दिसंबर में ही एमएसपी बढ़ाने का फैसला लेने की संभावना है। भाजपा ने धान का एमएसपी बढ़ाकर 3100 रु. प्रति क्विंटल, झामुमो ने 3200 रु. प्रति क्विंटल व आजसू ने भी 3200 रु. प्रति क्विंटल करने का वादा किया है।

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