मणिपुर की सत्ता में वापसी के एक महीने बाद शनिवार को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। मंत्रिमंडल विस्तार के एक दिन बाद बीरेन सिंह सोमवार यानी आज दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे। संभावना जताई जा रही है कि मुलाकात के दौरान मंत्रिमंडल विस्तार और मंत्रियों के विभाग के बंटवारे को लेकर चर्चा हो सकती है।
बता दें कि मंत्रिमंडल विस्तार में मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने छह नए मंत्रियों को शामिल किया है। नए कैबिनेट मंत्रियों में तेंगनौपाल से भाजपा विधायक लेतपाओ हाकप, कोंथौजम से भाजपा विधायक सपम रंजन सिंह , नाम्बोल से विधायक थौनाओजम बसंत सिंह, खुरई से एल सुसिंद्रो मैतेई और सेकमाई से विधायक एच डिंगो सिंह और एनपीएफ के चिंगई विधायक खासीम वासुम शामिल हैं।
शनिवार को उन्हें राज्यपाल ला गणेशन ने इंफाल में राजभवन में शपथ दिलाई। हालांकि अभी उनके विभागों की घोषणा नहीं हुई है। इस मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। वर्तमान में मंत्रिमंडल में भाजपा के 10 मंत्री और एनपीएफ से दो मंत्री हैं।
मणिपुर में पिछले महीने भाजपा ने 60 में से 32 सीटें जीतकर लगातार दूसरी बार सरकार बनाकर सत्ता में वापसी की थी। दूसरे कार्यकाल के लिए पूर्वोत्तर राज्य जीतने के बाद बीरेन सिंह और उनके पांच सहयोगियों ने 21 मार्च को मंत्री पद की शपथ ली थी।
त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब आज अमित शाह से करेंगे मुलाकात
वहीं, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब भी आज शाम को ही राज्य के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। इससे पहले गुजरात में आयोजित चार दिवसीय (10 अप्रैल से 14 अप्रैल) ‘माधवपुर घेड’ मेले में त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब ने सोमवार को शिरकत की थी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि “आज माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की वजह से नॉर्थ ईस्ट को विश्व पटल पर ख्याति प्राप्त हो रही है और इसे वह दर्जा प्राप्त हो रहा है, जिसका वो हकदार था।मोदी के पीएम बनने के बाद से नार्थ ईस्ट देश की प्राथमिकता में है। वरना इस क्षेत्र को न कोई जानता था और न ही पूछता था।”
पीएम मोदी के नेतृत्व में त्रिपुरा में अप्रत्याशित विकास हुआ: बिप्लब देब
उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में पिछले कई वर्षों से कम्युनिस्टों की सरकार रही और हमारा राज्य मुख्यधारा के राज्यों की तुलना में अत्यधिक पीछे चला गया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के दो साल के अंदर ही त्रिपुरा में ‘खतरे की पहचान और जोखिम मूल्यांकन’ (एचआईआरए) मॉडल के तहत अप्रत्याशित विकास हुआ है। यह माधवपुर गांव न सिर्फ भगवान श्री कृष्ण और विदर्भ कुमारी रुक्मिणी के विवाह की साक्षी स्थली है। बल्कि यह भारत के पूर्वोत्तर और पश्चिम प्रदेशों के सांस्कृतिक मिलन का स्थल भी है।