आत्मनिर्भर भारत: रक्षा मंत्रालय ने साल 2021-22 के रक्षा खरीद बजट का 65.5 प्रतिशत घरेलू उद्योगों से खरीद में उपयोग किया। यह निर्धारित 64 प्रतिशत के लक्ष्य से अधिक रहा। बजट में इसका प्रावधान अलग से किया गया था। मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि घरेलू स्रोतों से हुई खरीद प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत योजना की दिशा में एक मजबूत कदम है।
यह संख्या रुपयों में करीब 74,565 करोड़ रखी गई थी। विदेशी खरीद के लिए 39,198 करोड़ का प्रावधान था। वहीं मार्च 2022 की प्राथमिक खरीद रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष के लिए निर्धारित रक्षा सेवा बजट का 99.50 प्रतिशत उपयोग हो चुका है। पिछले कुछ वर्षों से भारतीय उत्पादकों से रक्षा खरीद को बढ़ावा दिया जा रहा है। मई 2020 में सरकार ने रक्षा क्षेत्र में ऑटोमेटिक रूट से विदेशी निवेश 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत किया था।
इस साल 68 फीसदी खरीद घरेलू
इस साल घरेलू खरीद का लक्ष्य बढ़ाकर 68 प्रतिशत किया गया है। राशि में यह संख्या 84,597 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2020-21 कुल खरीद में से घरेलू खरीद के लिए बजट का 58 प्रतिशत हिस्सा रखा गया था। उस समय पहली बार ऐसा प्रावधान किया गया था।
आधुनिकीकरण के लिए होने वाली 25 फीसदी खरीद भी घरेलू होगी
रक्षा मंत्रालय ने अप्रैल में ही बताया था कि साल 2022-23 में आधुनिकीकरण के लिए होने वाली खरीद में 25 प्रतिशत खरीद निजी घरेलू उद्योगों से होगी। यह राशि 21,149 करोड़ रहने का अनुमान है। इनमें से करीब 1,500 की खरीद स्टार्ट-अप्स से होगी।