Ntpc News रायगढ़, 13 अक्टूबर | NTPC लारा की फ्लाई एश परिवहन व्यवस्था एक बार फिर विवादों में है। कुछ महीनों की सख्ती के बाद अब पुराने तरीके फिर लौट आए हैं — फर्क बस इतना है कि अब नए चेहरे और नया सिंडीकेट इस पूरे खेल को चला रहा है।
GPS निकालकर हो रही अवैध डंपिंग
फ्लाई एश का परिवहन एनटीपीसी लारा प्लांट से एनएचएआई प्रोजेक्ट्स के लिए किया जाना तय है, लेकिन वास्तविकता इससे अलग है। कई ट्रक जीपीएस निकालकर अन्य जगहों पर एश खाली कर लौट आते हैं। डिलीवरी रिपोर्ट फर्जी बनाई जाती है, और एक ही ट्रक दिन में दो बार लोडिंग कर लेता है। सूत्रों के मुताबिक, कई वाहन ऐसे हैं जो एनएच के बजाय पास के खेतों या खाली ज़मीनों में ही फ्लाई एश डंप कर देते हैं।
नया सिंडीकेट, पुराना खेल – प्रति टन में कमीशन
NTPC से भले ही बड़े कॉन्ट्रैक्टरों को काम मिला हो, लेकिन मैदान में अब लोकल ट्रांसपोर्टरों का सिंडीकेट पूरी तरह हावी है। इन ट्रांसपोर्टरों ने प्रति टन कमीशन तय कर नया नेटवर्क खड़ा कर लिया है। प्लांट से निकली गाड़ियां उनके इशारे पर चलती हैं और नकली डिलीवरी रिपोर्ट से पूरी व्यवस्था को वैध दिखाया जाता है।अंदरखाने की जानकारी के अनुसार, यही सिंडीकेट अब ठेका कंपनियों को भी दबाव में लेकर काम करवा रहा है।
प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग
स्थानीय सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने जिला प्रशासन व पर्यावरण विभाग से इस खेल पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर यह गड़बड़ी नहीं रुकी, तो आने वाले दिनों में “फ्लाई एश माफिया” न केवल NTPC की छवि को नुकसान पहुंचाएगा बल्कि क्षेत्र के पर्यावरण को भी भारी क्षति पहुंचेगी।
पहले भी हुआ था बड़ा घोटाला
कुछ महीनों पहले भी एनटीपीसी लारा की फ्लाई एश व्यवस्था में धांधली का मामला सामने आया था।
तब कुछ गाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, लेकिन अब वही सिस्टम दोबारा सक्रिय हो गया है।
जानकारों के मुताबिक, यह “फ्लाई एश का खेल” अब करोड़ों का कारोबार बन चुका है।