अगर आप भी अक्सर अपनी गाड़ी लेकर हाईवे पर निकलते हैं और फास्टैग (FASTag) का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए ये खबर बेहद काम की है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने फास्टैग यूजर्स के लिए KYC प्रक्रिया को आसान बना दिया है। अब न तो बेवजह दस्तावेज अपलोड करने की झंझट होगी, न ही अकाउंट बंद होने का डर! नए नियमों के बाद ग्राहकों के लिए फास्टैग वेरिफिकेशन पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज हो गया है।
क्या है नया नियम?
भारतीय हाईवेज मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (IHMCL) की नई गाइडलाइंस के मुताबिक, अब KYC प्रक्रिया में गाड़ी के साइड फोटो की जरूरत नहीं पड़ेगी। यानी अब केवल वाहन की फ्रंट फोटो अपलोड करनी होगी, जिसमें फास्टैग और नंबर प्लेट साफ दिखाई दे। इतना ही नहीं, जैसे ही यूजर वाहन नंबर, चेसिस नंबर या मोबाइल नंबर डालेंगे, सिस्टम अपने आप वाहन का RC डेटा ‘वाहन पोर्टल’ से फेच कर लेगा। अगर किसी यूजर के नाम या मोबाइल नंबर पर एक से ज्यादा गाड़ियां रजिस्टर्ड हैं, तो वह यह चुन सकेगा कि किस वाहन के लिए वह KYC प्रक्रिया पूरी करना चाहता है। इससे गलत जानकारी या दस्तावेज अपलोड होने की संभावना भी खत्म हो जाएगी।
पुराने फास्टैग पर कोई असर नहीं
नए KYC नियम लागू होने के बावजूद पुराने फास्टैग यूजर्स को चिंता करने की जरूरत नहीं है। NHAI ने साफ किया है कि पुराने फास्टैग तब तक सक्रिय रहेंगे, जब तक उनके दुरुपयोग या किसी गड़बड़ी की शिकायत नहीं आती। हालांकि, बैंक समय-समय पर यूजर्स को SMS अलर्ट भेजकर KYC पूरी करने की याद दिलाएंगे।
अगर KYC में दिक्कत आए तो क्या करें?
अगर किसी ग्राहक को KYC प्रक्रिया पूरी करने या दस्तावेज अपलोड करने में परेशानी आती है, तो जारी करने वाला बैंक खुद पहल करेगा और ग्राहक की मदद से प्रक्रिया पूरी करवाएगा। इसके अलावा, यूजर्स नेशनल हाईवे हेल्पलाइन 1033 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं या जानकारी ले सकते हैं।
क्या है फास्टैग और KYC?
फास्टैग एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) आधारित डिवाइस है, जो गाड़ी की विंडशील्ड पर लगाई जाती है। इससे टोल टैक्स अपने आप कट जाता है और गाड़ी बिना रुके टोल प्लाजा पार कर जाती है। वहीं, KYC एक रेगुलेटरी प्रक्रिया है जिसमें वाहन की तस्वीरें और डिटेल्स अपलोड करनी होती हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि फास्टैग सही वाहन पर लगाया गया है।
क्यों जरूरी है KYC वेरिफिकेशन?
HDFC और ICICI बैंक की वेबसाइट्स के मुताबिक, KYC को पूरा करना अनिवार्य है। अगर किसी वाहन की KYC प्रक्रिया अधूरी या गलत पाई गई, तो बैंक फास्टैग को ‘हॉटलिस्ट’ कर सकता है, यानी टैग काम करना बंद कर देगा और टोल पर आपको नकद भुगतान करना पड़ेगा। एक बार सही डॉक्यूमेंट अपलोड कर देने पर फास्टैग को फिर से एक्टिव कर दिया जाएगा।













