केंद्र सरकार ने नए लेबर कोड का ऐलान कर दिया है। अब सरकार चार नई श्रम संहिताओं (कानून) को अगले वित्त वर्ष की शुरुआत यानी 1 अप्रैल से लागू करने की तैयारी कर रही है। इन संहिताओं के नियम तैयार करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
नए नियमों में लोगों के सुझाव लिए जाएंगे।
श्रम सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम श्रम संहिताएं अगले साल एक अप्रैल से पूरी तरह से लागू होने की उम्मीद जताई जा रही है। श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि चार नए लेबर कोड के ड्राफ्ट रूल्स बहुत जल्द प्री-पब्लिश कर दिए जाएंगे। इसके बाद 5 दिन तक कोई भी सुझाव दे सकेगा और फिर फाइनल नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। मंसुख मांडविया का कहना है कि अगले फाइनेंशियल ईयर (अप्रैल 2026) से ये कोड पूरी तरह लागू हो जाएंगे।
चारों कोड 21 नवंबर को नोटिफाई हो चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि लेबर कॉनकरेंट सब्जेक्ट है, इसलिए स्टेट्स को भी अपने यहां नोटिफाई करना होगा। स्थानीय जरूरत के हिसाब से नियमों में बदलाव किया जा सकता है। किसी कानून को लागू करने के लिए, सरकार को उसके तहत नियमों को अधिसूचित करना जरूरी है। इससे पहले केंद्र और राज्य सरकारों को जनता की प्रतिक्रिया के लिए नियमों के मसौदे को प्रकाशित करने से पहले सार्वजनिक करना जरूरी है।
मसौदा नियम जल्द होंगे जारी
न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को सीआईआई इंडियाएज 2025 को संबोधित करते हुए कहा कि चार श्रम संहिताओं के तहत मसौदा नियम प्रकाशित किए जाने से पहले जल्द ही सार्वजनिक किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे पहले केंद्र सरकार और राज्यों ने नियमों के मसौदे को पहले ही सार्वजनिक कर दिया था, लेकिन वह काफी समय पहले की बात है। अब मसौदे को वर्तमान समय के अनुरूप बनाने की जरुरत है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, नियमों के मसौदे को प्रकाशित करने से पहले, सरकार अधिसूचना के लिए उन्हें अंतिम रूप देने से पहले जनता की टिप्पणियों को लेकर 45 दिन का समय देगी। अधिकारी ने यह भी बताया कि सरकार का मकसद नए वित्त वर्ष की शुरुआत यानी एक अप्रैल से इन चारों संहिताओं के क्रियान्वयन के लिए नियम लागू करने का है।
चार लेबर कोड्स कौन से हैं
कोड ऑन वेजेस 2019
2. इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड 2020
3. कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020
4. ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड 2020
कर्मचारियों के लिए 8 घंटे का होगा वर्किंग डे
मंत्री ने सम्मेलन में एक सत्र के दौरान प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि नई संहिताओं के तहत एक कर्मचारी के लिए कार्य घंटे अभी भी आठ घंटे प्रतिदिन है। इस प्रमुख श्रम सुधार में 29 मौजूदा श्रम कानूनों को सुसंगत बनाते हुए उन्हें इसमें एकीकृत किया गया है। मांडविया ने कहा कि नई रूपरेखा कर्मचारी को ‘ओवरटाइम’ का विकल्प प्रदान करती है, जो एक अंतरराष्ट्रीय चलन है















