छत्तीसगढ़ में साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच रायपुर रेंज पुलिस ने एक बड़ी और निर्णायक कार्रवाई की है। ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत पुलिस ने संगठित साइबर अपराध नेटवर्क को निशाना बनाते हुए एकसाथ कई ठिकानों पर छापेमारी की और 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया। ये आरोपी म्यूल बैंक अकाउंट संवर्धक, फर्जी सिम कार्ड विक्रेता, ब्रोकर और साइबर ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले बताए गए हैं।
यह कार्रवाई रायपुर, दुर्ग, बलौदा बाजार के साथ-साथ मध्यप्रदेश के अलग-अलग इलाकों में की गई। पुलिस की आठ विशेष टीमों ने एकसाथ ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिससे पूरा नेटवर्क एक झटके में बेनकाब हो गया। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में साइबर ठगी के संगठित ढांचे की परतें खुलती चली गईं।
174.5 करोड़ रुपये का लेनदेन, 77 लाख की ठगी साबित
जांच में सामने आए आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं। इन म्यूल बैंक खातों के जरिए कुल 174.5 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है, जबकि अब तक 77.35 लाख रुपये की ठगी की पुष्टि की जा चुकी है। देश के अलग-अलग राज्यों में इन खातों से जुड़े मामलों में 1236 शिकायतें दर्ज पाई गई हैं।
ऐसे काम करता था ठगी का नेटवर्क
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी अपने बैंक खाते किराए पर देते थे या फिर ठगी की रकम पर 10 से 20 प्रतिशत कमीशन लेकर अन्य ठगों को खाते उपलब्ध कराते थे। इन खातों का इस्तेमाल फर्जी शेयर ट्रेडिंग ऐप, क्रिप्टो करेंसी निवेश, गूगल रिव्यू और टेलीग्राम टास्क, केवाईसी अपडेट के नाम पर ठगी, ऑनलाइन गेमिंग और गूगल सर्च आधारित स्कैम में किया जाता था।
I4C पोर्टल से शुरू हुई जांच
पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा के निर्देश पर रायपुर रेंज साइबर थाना ने केंद्र सरकार के साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) पोर्टल पर रिपोर्ट हुए म्यूल बैंक अकाउंट्स की जांच शुरू की थी। बैंक ट्रांजैक्शन, एक व्यक्ति के नाम पर कई खाते, फर्जी सिम कार्ड और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पूरे गिरोह की पहचान की गई।
इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने करीब 2 करोड़ रुपये की ठगी राशि होल्ड करवाई है। यह रकम देश के अलग-अलग राज्यों के पीड़ितों की है, जिन्हें संपर्क कर वापस लौटाने की प्रक्रिया की जा रही है। बीते 11 महीनों में पुलिस 7 करोड़ रुपये फर्स्ट लेयर खातों में होल्ड करा चुकी है, जिसमें से न्यायालय के आदेश पर 4 करोड़ रुपये से अधिक की राशि पीड़ितों को लौटाई जा चुकी है।
छह थानों में दर्ज हुए केस
I4C पोर्टल पर मिली शिकायतों के आधार पर रायपुर जिले के माना, देवेंद्र नगर, सिविल लाइन, तेलीबांधा और राखी थानों में अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। सभी मामलों में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपियों को न्यायिक प्रक्रिया में भेजा गया है।
आगे और गिरफ्तारियां तय
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पूछताछ में कई और नाम सामने आए हैं, जो इस नेटवर्क से जुड़े थे। ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। पुलिस का कहना है कि म्यूल बैंक अकाउंट और फर्जी सिम कार्ड के खिलाफ यह कार्रवाई साइबर ठगी के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम है।














