CG News: सांसदों ने देखा CG की उन्नत खेती का मॉडल

CG News

संसद की लोक लेखा समिति छत्तीसगढ़ में उन्नत खेती का मॉडल देखने दुर्ग पहुंची। संसद में नेता प्रतिपक्ष व लोक लेखा समिति के चेयरमैन अधीर रंजन चौधरी नेतृत्व में पहुंची इस टीम ने कम लागत व कम पानी में उन्नत खेती का मॉडल देखा। साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार के चार चिन्हारी नरुवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी को करीब से समझा। इस दौरान टीम में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद जगदंबिका पाल सहित बिहार, हरियाणा व अन्य राज्यों के सांसद व समिति के सदस्य मौजूद रहे।

धमधा के धौराभाठा स्थित एसजे फार्म में पहुंचे समिति के सदस्यों ने शनिवार दोपहर से शाम तक फॉर्म का विजिट किया। सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि दुर्ग जिले में जैविक और बेहतरीन उन्नत खेती हो रही है। यहां कम लागत और कम पानी में बढ़िया खेती हो रही है। ज्यादा उत्पादन हो रहा है। रासायनिक खाद का उपयोग किए बगैर ही शानदार खेती कर ज्यादा मुनाफा कमाया जा रहा है। हमारी मृदा को बचाकर इस तरह की खेती करना किसानों के लिए अच्छा उदाहरण है।

राहुल गांधी को लेकर आने की कही बात

धौराभाठा में एसजे फॉर्म की तारीफ करते हुए अधीर रंजन ने कहा कि, जैविक खेती के माध्यम से शानदार खेती हो रही है। कम पानी और कम लागत में कैसे ज्यादा उत्पादन कर सकते हैं। एशिया की सबसे बड़ी सीताफल की खेती 180 एकड़ में यहीं हो रही है। अधीर रंजन ने कहा कि, मैं जब भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी जी के साथ छत्तीसगढ़ आया तो उन्हें यहां जरूर लेकर आऊंगा।

CG News: सांसदों ने देखा CG की उन्नत खेती का मॉडल
CG News: सांसदों ने देखा CG की उन्नत खेती का मॉडल

Also Read 

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे ‘मन की बात’

सांसदों ने धौराभाठा में क्या-क्या देखा

सांसदों ने यहां वाटर रिचार्ज तालाब को देखा कि किस तरह से 10 एकड़ एरिया में तीन तालाब बनाए गए हैं। इन तालाबों में बारिश का पानी इकट्‌ठा किया जाता है। तालाब के सहारे भू-तल रिचार्ज हो जाता है। एक-एक तालाब 24 करोड़ लीटर पानी रहता है। यही नहीं, तालाब के पास पानी स्टोर करने के लिए अलग से टंकी है।

लोक लेखा समिति के सदस्यों ने इस दौरान फार्म में 14 प्रकार के फल की पैदावार देखी। यहां एप्पल बेर, स्टारफ्रूड, ड्रैगनफ्रूड, चीकू, करौंदा, बिही, बिही थाइलैंड, खजूर, वाटर एप्पल, कटहल, नींबू, मौसमी, देशी जामुन का स्वाद चखकर सबने कहा ये इसमे बिना शुगर के इतना मिठास है। उन्होंने सीताफल पल्पिंग प्रोसेसिंग यूनिट को भी देखा।

CG News इसके अलावा टीम ने गोबर खाद और गौमुत्र से दवा से तैयार कर फसल की पैदावार बढ़ाने का प्रोजेक्ट भी देखा। यहां गिर नस्ल की 300 गाय हैं। इन्हीं गायों के गोबर से खाद और गोमुत्र से दवा बनाकर उसे फसलों के लिए उपयोग किया जा रहा है। यही नहीं, अतिरिक्त गोबर को बेचकर सरकार के गोधन न्याय योजना का लाभ भी ले रहे हैं। यहां का घी देशभर में प्रसिद्ध है। जिसकी डिमांड देशभर खूब होती है। टीम ने कहा कि उन्हें एक ही जगह पर नरवा, गरुवा, घुरुवा और बाड़ी को देखा है।

Scroll to Top