Avatar 2 Movie Review: जानिए कैसी है ‘अवतार 2’ की कहानी….

New Hollywood Film: किसी फिल्म के सीक्वल का इंतजार तभी होता है, जब लोग उससे दिल से कनेक्ट हों. निर्माता-निर्देशक-लेखक जेम्स कैमरून की अवतार 13 साल पहले आई थी और आज उसका सीक्वल रिलीज हुआ है. फिल्म के बारे में एकदम कम शब्दों में इतना ही कह सकते हैं कि जरूर देखें. दशकों में ऐसी फिल्म बनती है और इस फिल्म को बनाने में एक दशक से ज्यादा लगा है. ऐसे समय जबकि बॉलीवुड के सितारे चार महीने में फिल्म की शूटिंग पूरी कर लेते हैं, निर्देशक छह-आठ महीने में फिल्म बना कर किसी ओटीटी को बेच देते हैं, अवतारः द वे ऑफ वाटर समुद्र की गहराइयों में दबे मोती की तरह है. फिल्म अपने आप में एक अलग अनुभव है, न केवल अनूठे और कल्पनातीत दृश्यों के लिए बल्कि उन नैतिक बातों के लिए भी, जो दुनिया को नियंत्रित करने वालों के विचारों में कम से कमतर होती जा रही हैं. जो पूरी पृथ्वी को अपने स्वार्थ के लिए निचोड़ लेना चाहते हैं. फिल्म ऐसे विचारों को बचाती और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाती है. संभवतः सिनेमा की सार्थकता भी इसी में है.

कहानी अवतार 2 की
अवतार 2 की कहानी हमारी गणना के हिसाब से भविष्य में कहीं पैंडोरा ग्रह पर भी करीब दस साल आगे बढ़ चुकी है. जहां सली दंपति (जैक और नैतिरी) के अब चार बच्चे हैं. जैक के नेतृत्व में पैंडोरा पर रहने वाले नावी जंगलवासियों का जीवन संतुलित ढंग से बढ़ रहा है, लेकिन तभी एक बार फिर पृथ्वी वाले आकाशवासी पैंडोरा पर हमला कर देते हैं. अवतार में मारे गए कर्नल मिल्स क्वात्रिच (स्टीफन लैंग) का पुरानी यादों से लैस नया क्लोन हर हाल में जैक सली (सैम वर्थिंगटन) और नैतिरी (जो साल्डाना) से बदला लेने लौटता है. वह जैक को खत्म करना या कैद करना चाहता है क्योंकि जैक ने इंसानों से धोखा किया और पूरी तरह नावी बन गया. जैक हिंसा अथवा युद्ध टालने के लिए जंगलवासियों के बीच से एक नया मुखिया बना कर समुद्री तटों की तरफ निकल जाता है. मगर कर्नल मिल्स हर हाल में सली और उसके परिवार को ढूंढने में लगा है. समुद्री तट पर सैकड़ों द्वीप हैं, और यहां मैटकायिना में सली के परिवार को शरण मिलती है. लेकिन कर्नल मिल्स सली को ढूंढते हुए यहां भी आ पहुंचता है.

संघर्ष और सत्य
अवतार 2 का पहला हिस्सा जंगलों से शुरू होता है और धीरे-से समुद्र की दुनिया में आ जाता है. यहां समुद्री जीवों से नावी लोगों के संबंधों के साथ पैंडोरा ग्रह की व्हेल, कहानी का अहम हिस्सा बनती हैं. इस कहानी में मानवीय गुणों की इतनी बातें हैं कि आप भूल जाते हैं कि जो संघर्ष चल रहा है वह धरतावासियों और दूसरे ग्रह के लोगों के बीच हैं. आप सहज ही खुद को सत्य की तरफ खड़ा महसूस करते हैं, जो दूसरे ग्रहवासियों की तरफ है. फिल्म बार-बार याद दिलाती है कि कुछ लोगों के लालच ने पृथ्वी को इंसानों के लायक नहीं रहने दिया और अब वे दूसरे ग्रह तथा वहां के शांतिप्रिय निवासियों का जीना हराम कर रहे हैं. अवतार 2 में पृथ्वी से पैंडोरा पहुंचा, व्हेल का शिकार करने वालों का एक समूह है. ये लोग व्हेल की हत्या करते हैं क्योंकि उसके मस्तिष्क में ऐसा रसायन है, जो धरती के इंसानों की उम्र को बढ़ने से रोक देता है. जिसका कारोबार अरबों-खरबों में है.

संघर्ष और सत्य
अवतार 2 का पहला हिस्सा जंगलों से शुरू होता है और धीरे-से समुद्र की दुनिया में आ जाता है. यहां समुद्री जीवों से नावी लोगों के संबंधों के साथ पैंडोरा ग्रह की व्हेल, कहानी का अहम हिस्सा बनती हैं. इस कहानी में मानवीय गुणों की इतनी बातें हैं कि आप भूल जाते हैं कि जो संघर्ष चल रहा है वह धरतावासियों और दूसरे ग्रह के लोगों के बीच हैं. आप सहज ही खुद को सत्य की तरफ खड़ा महसूस करते हैं, जो दूसरे ग्रहवासियों की तरफ है. फिल्म बार-बार याद दिलाती है कि कुछ लोगों के लालच ने पृथ्वी को इंसानों के लायक नहीं रहने दिया और अब वे दूसरे ग्रह तथा वहां के शांतिप्रिय निवासियों का जीना हराम कर रहे हैं. अवतार 2 में पृथ्वी से पैंडोरा पहुंचा, व्हेल का शिकार करने वालों का एक समूह है. ये लोग व्हेल की हत्या करते हैं क्योंकि उसके मस्तिष्क में ऐसा रसायन है, जो धरती के इंसानों की उम्र को बढ़ने से रोक देता है. जिसका कारोबार अरबों-खरबों में है.

एक अलग ही दुनिया
अवतार 2 की कहानी भले ही मानवीय हो, लेकिन इसका कैमरावर्क और वीएफएक्स इसे दूसरी ही दुनिया की चीज बना देते हैं. फिल्म भले कहे की तकनीक के विकास के साथ इंसानों ने पृथ्वी को रहने लायक नहीं रखा, लेकिन जेम्स कैमरून सिनेमा की तकनीक के सहारे सिनेमा की कला को नए शिखर प्रदान करते हैं. जिन बॉलीवुड वालों को लगता है कि सिनेमा सिर्फ पैसा कमाने का साधन है और उसका कला से कोई संबंध नहीं रह गया, अवतारः द वे ऑफ वाटर जैसा सिनेमा उन्हें बौना साबित करता है. सिनेमा सिर्फ पैसे से नहीं बनता और सिनेमा सिर्फ पैसा बनाने के लिए नहीं है. जेम्स कैमरून अपने सिनेमा से लक्ष्मी और सरस्वती दोनों को सजीव करते हैं. फिल्म के रूप में अवतार जितनी चमत्कृत करती है, कहानी और संवादों के स्तर पर उतनी ही दिल को छूती है. इसके एक्टर सधे हुए हैं. अच्छी कहानी हो तो आपको सितारों की जरूरत नहीं. आप भले ही अवतार के कलाकारों को न पहचानें, परंतु फिल्म शुरू होते ही आप उनसे जुड़ जाते हैं.

कोई और रास्ता नहीं
अवतार 2 में कुछ बातें जरूर खटक सकती है. कुछ दृश्यों की लंबाई तथा थोड़ा दोहराव. फिल्म का तीन घंटे 12 मिनट का होना. निर्णायक लड़ाई में समुद्री तटों वाले मैटकायिना के सारे निवासी जब सली परिवार के साथ कर्नल मिल्स और उसकी फौज के खिलाफ मैदान में उतर आते हैं, तो वे बीच में ही कहां गायब हो जाते हैं. यह फिल्म में बिल्कुल स्पष्ट नहीं होता. कुछ मिनटों बाद सारी जंग सिर्फ सली परिवार और कर्नल मिल्स के बीच सिमट जाती है. फिल्म बताती है कि हिंसा के विरुद्ध हिंसा इस्तेमाल करने से शांति नहीं आती. लेकिन कभी-कभी कोई और रास्ता भी नहीं बचता. अवतार 2 थ्री डी और टू डी में उपलब्ध है. इसके टिकटों की दर सामान्य फिल्मों से अधिक है. लेकिन तब भी यह पैसा वसूल फिल्म है.

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