रुसी एजेंसी FSB ने रूस में सोमवार को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. एजेंसियों ने दावा किया है कि सुसाइड बॉम्बर भारत में धमाके की साजिश रच रहा था. उसके निशाने पर सत्ताधारी दल के नेता थे. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दाएश का आतंकी भारत के एलीट नेतृत्व एक सदस्य के खिलाफ हमले की योजना बना रहा था.
अलकायदा ने भी दी थी भारत को धमकी
उस समय आतंकी संगठन ने कहा था कि वह भारत में 20 दिन के भीतर दो हमले करेगा. वीडियो में कहा गया था कि तालिबान हिंदुओं को इस्लामिक स्टेट से नहीं बचा पाएगा, क्योंकि वो शिया मुसलमानों को बचाने में भी नाकाम रहा है. इससे अलावा ऐसी ही धमकी अल-कायदा की तरफ से भी मिली थी. तब उसने कहा था कि गुजरात, उत्तर प्रदेश, मुंबई और दिल्ली में पैगंबर मोहम्मद की गरिमा की लड़ाई के लिए आत्मघाती हमला करेगा.
धमकियों पर गृह मंत्रालय ने कहा कि आईएस अपनी विचारधारा को प्रचारित करने के लिए विभिन्न इंटरनेट आधारित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहा है. इस संबंध में संबंधित एजेंसियों द्वारा साइबरस्पेस पर कड़ी नजर रखी जा रही है और कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है.
फेडरेल सिक्योरिटी सर्विस क्या है?
एफएसबी की बात करें तो यह रूस की प्रमुख सुरक्षा एजेंसी है और सोवियत संघ के KGB की मुख्य उत्तराधिकारी एजेंसी है. इसकी प्राथमिक जिम्मेदारियां देश के भीतर हैं और इसमें काउंटर-इंटेलिजेंस, आंतरिक और सीमा सुरक्षा, आतंकवाद और निगरानी के साथ-साथ कुछ अन्य प्रकार के गंभीर अपराधों और संघीय कानून के उल्लंघन की जांच शामिल है. इसका मुख्यालय पूर्व केजीबी की मुख्य इमारत में मास्को के केंद्र लुब्यंका स्क्वायर में है. एफएसबी के निदेशक को रूस के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है.
आईएस कर रहा सोशल मीडिया का इस्तेमाल
बता दें कि इस्लामिक स्टेट को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन के रूप में लिस्टेड किया गया है और केंद्र सरकार द्वारा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की पहली अनुसूची में शामिल किया गया है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, आईएस अपनी विचारधारा को प्रचारित करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहा है। इस संबंध में संबंधित एजेंसियों की ओर से साइबरस्पेस पर कड़ी नजर रखी जा रही है और कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है।