सावधान: आप भी करते हैं ‘Buy Now Pay Later’ का इस्तेमाल, जानें कैसे….

सावधान: अभी खरीदें और बाद में भुगतान करें (Buy Now Pay Later) सुविधा का क्रेज ऑनलाइन खरीदारी करने वाले भारतीयों में तेजी से बढ़ रहा है। आंकड़ों को देखें तो बीते साल इस सुविधा के तहत लेन-देन में 600 फीसदी से ज्यादा वृद्धि देखने को मिली है। हालांकि, विशेषज्ञों ने इसका इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ताओं सचेत करते हुए कहा है कि बीएनपीएल सेवा का उपयोग करते समय सावधानी बरतना भी बेहद जरूरी है, नहीं तो ये आपको कर्ज के जाल में भी फंसा सकती है।

3.5 अरब डॉलर का है ये बाजार

अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें (बीएनपीएल) देश में एक बढ़ता हुआ भुगतान साधन बनकर उभरा है। फिनटेक फर्म रेजरपे के ताजा आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि साल 2021 में बीएनपीएल लेन-देन में 637 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसमें ऑनलाइन भुगतान में 104 फीसदी की वार्षिक वृद्धि देखने को मिली है। इस संबंध में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुमानित आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो बीएनपीएल बाजार अभी 3 से 3.5 अरब डॉलर का है। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि ये बाजार इसी तरह से बढ़ता रहा तो साल 2026 तक इसका दायरा बढ़कर 45 से 50 अरब हो जाएगा।

बाजार बढ़ने के साथ बढ़ेंगे ग्राहक

रिपोर्ट में कैशिफाई में फोनशॉप के उपाध्यक्ष हिताशी गर्ग के हवाले से कहा गया है कि इस बाजार के बढ़ने का जो अनुमान जाहिर किया जा रहा है, उसके साथ ही इस बाजार का ग्राहक आधार भी आने वाले समय में वर्तमान से दस गुना ज्यादा हो सकता है। कंसल्टेंसी फर्म रेडसीर के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि कम से कम 46 फीसदी उपयोगकर्ता महीने में एक से अधिक बार इस भुगतान विकल्प को चुनने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह साधन तेजी के साथ लोकप्रिय होता जा रहा है और लोग इसका उपयोग ऑनलाइन शॉपिंग, खाने-रोजमर्रा की चीजों समेत अन्य बिल भुगतान के लिए कर रहे हैं।

छोटे शहरों में बढ़ रहे उपयोगकर्ता

इस बीएनपीएल सुविधा में ग्राहक आधार सबसे ज्यादा भारत के छोटे शहरों से देखने को मिल रहा है, जहां कि क्रेडिट कार्ड की पहुंच कम है। लेजीपे में बीएनपीएल की लगभग 60 फीसदी मांग टियर-2 और टियर-3 शहरों से आ रही है। हालांकि इस सुविधा के कारण एक बड़ा बदलाव भी देखने को मिल रहा है। दरअसल, इसके प्रति क्रेज के चलते छोटे शहरों इंटरनेट की पहुंच बढ़ रही है क्योंकि लोग इस सुविधा को लेने के लिए स्मार्टफोन अपनाने में तेजी दिखा रहे हैं। इसके अलावा, इससे ऑनलाइन खरीदारी में भी अच्छी खासी वृद्धि देखने को मिली है। बीएनपीएल सुविधा के प्रति रुझान का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे बड़े शॉपिंग प्लेटफॉर्म के पास अपने स्वयं के बीएलपीएल भुगतान विकल्प हैं। अमेजन पे लेटर ने पिछले साल जुलाई में पहले ही 20 लाख की ग्राहक वृद्धि देखी थी। वहीं फ्लिपकार्ट का कहना है कि उसके एक करोड़ उपभोक्ता ऐसे हैं जो पे-लेटर विकल्प को अपना सकते हैं।

विशेषज्ञों को सता रही ये चिंता

एक ओर जहां इस सुविधा के उपयोग में लगातार इजाफा हो रहा है तो दूसरी ओर विशेषज्ञ को इस बात की चिंता सता रही है कि इस पे-लेटर भुगतान विकल्प पर बढ़ रही भीड़ अगर सावधानी नहीं बरतेगी तो अनजाने में ही वो अंततः कर्ज के जाल में फंस सकती है। क्रेडिट प्लेटफॉर्म कैशे के चीफ एग्जिक्यूटिव ध्रुव जैन की मानें तो पिछले कुछ सालों में हमने ग्राहकों की धारणाओं में बड़ा बदलाव देखा है और सामने आया कि युवा वर्ग क्रेडिट पर खरीदारी को अहमियत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कोई भी क्रेडिट लाइन आपके क्रेडिट स्कोर को संभावित रूप से प्रभावित कर सकती है। प्रत्येक बीएनपीएल लेनदेन को व्यक्तिगत ऋण (पर्सनल लोन) के रूप में सोचकर चलना चाहिए। दूसरे शब्दों में कहें तो जब आप इस सुविधा का उपयोग करने के लिए साइन अप करते हैं, तो निश्चित तौर पर आप एक अल्पकालिक ऋण के लिए साइन अप कर रहे होते हैं। इसके साथ ही विशेषज्ञों ने कहा कि आसान क्रेडिट भी अत्यधिक खर्च का खतरा पैदा करता है, खासकर जब इन्हें न्यूनतम वैरिफिकेशन के साथ पेश किया जाता है।

ऐसे काम करती है यह स्कीम

बाय नाउ पे लेटर स्कीम के जरिये फिनटेक कंपनियां उपभोक्ताओं को कर्ज देती हैं और उन्हें क्रेडिट कार्ड की तरह ही पहले खरीदने और बाद में इसका भुगतान करने की सुविधा मुहैया कराती है। ईपेलेटर, लेजीपे, सिंपल जैसी कई फिनटेक कंपनियां हैं, जो उपभोक्ताओं को शॉपिंग करने और पैसे बाद में चुकाने का विकल्प देती हैं। इसके तहत एक बिलिंग साइकिल में की गईं खरीदारियां जुड़ती रहती हैं इनके लिए आपको बाद में भुगतान करना होता है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस सुविधा के इसके जरिये उपभोक्ता 100 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक छोटे-छोटे लेन-देन कर सकता है। लेकिन अगर समय पर भुगतान करने से चूकते हैं तो कंपनी कुल बकाया रकम की अधिकतम 30 फीसदी राशि पेनल्टी के रूप में वसूल कर सकती हैं।

पर्सनल लोन की तरह भरना होगा ब्याज

बिल्कुल पर्सनल लोन की तरह से ही बीएनपीएल में खरीदारी के लिए महज कुछ सेकेंड में कर्ज मुहैया कर दिया जाता है। लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो यह कर्ज का जाल है और इसमें सावाानी न बरती तो मुसीबत में भी पड़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि अगर आप समय से कर्ज का भुगतान नहीं करते हैं, तो इस पर पेनल्टी, लेट फीस, ब्याज बगैरह सब जुड़ते हैं जो आपके द्वारा लिए गए कर्ज को बड़ा कर देता है। ऐसे में उपभोक्ताओं को उधार लेने से पहले यह समझना बेहद जरूरी है कि फिनटेक कर्जदाता पर्सनल लोन को अलग-अलग तरीकों से पैकेज करके ही बेच रहे हैं। बीएनपीएल पर भी पर्सनल लोन की तरह ज्यादा ब्याज लगता है। यहां बता दें कि बीएनपीएल पर प्रोसेसिंग फीस के साथ कंपनियां 24 फीसदी तक ब्याज वसूल करती हैं।

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