New Delhi: यूजीसी यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सीयूईटी यानी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट को लागू कर दिया है। यह एकीकृत प्रवेश परीक्षा देश भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए परिणाम आधारित स्कोर मेरिट तैयार करेगी। इसके स्कोर रैंक के आधार पर ही केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले होंगे। इसके दायरे में अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान जैसे जामिया और एएमयू भी आ रहे हैं, हालांकि, अभी उन्होंने सार्वजनिक तौर पर इसकी घोषणा नहीं की है, लेकिन यूजीसी ने साफ कर दिया कि सभी संस्थान इसके दायरे में आएंगे।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बताया कि अभी तक केंद्रीय विश्वविद्यालयों के दाखिलों में कुछ राज्य बोर्ड और केंद्रीय बोर्ड के छात्रों का ही दबदबा रहता था। इसके कारण, ऐसे राज्य जहां बोर्ड एग्जाम का सख्त मूल्यांकन होता है, वहां के छात्र कट ऑफ आधारित प्रवेश प्रक्रिया में दाखिले से चूक जाते हैं, क्योंकि, उनके बोर्ड एग्जाम के मार्क्स कम होते थे। दाखिला प्रक्रिया में सभी को बराबरी का मौका मिले, इसीलिए सीयूईटी का प्रावधान किया गया है।
अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों पर भी लागू होंगे नियम
यूजीसी अध्यक्ष प्रो एम जगदीश कुमार ने कहा कि सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी और उनके अधीनस्थ कॉलेज को अनिवार्य रूप से सीयूईटी के जरिये स्नातक और स्नातकोत्तर प्रोग्राम में दाखिले देने होंगे। यूजीसी का यह नियम अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों पर भी लागू होगा। इसमें जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI), अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) और दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) का सेंट स्टीफंस कॉलेज आदि शामिल है।
आरक्षण नियम में कोई बदलाव नहीं हो
प्रो एम जगदीश कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ये संस्थान अपने जिन आरक्षण नियमों के तहत सीट आवंटित करते हैं, उन नियमों को जारी रख सकते हैं। सीयूईटी से किसी भी संस्थान के आरक्षण नियम में कोई बदलाव नहीं होगा। मसलन जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) 50 फीसदी सीट अल्पसंख्यक समुदाय यानी मुस्लिम के लिए आरक्षित रखता है तो वे उन्हीं को मिलेगी, लेकिन यहां पर सीट सीयूईटी के मेरिट स्कोर के आधार पर ही आवंटित होगी।
ऐसे समझें सीयूईटी से क्या होंगे फायदे
अलग-अलग प्रवेश परीक्षाओं का झंझट खत्म होगा।
सीयूईटी से छात्रों और विश्वविद्यालयों दोनों का बोझ कम होगा।
एक ही परीक्षा होने से छात्रों को अलग-अलग परीक्षा के लिए समय और पैसे नहीं खर्चने होंगे।
वहीं, दूर-दराज व ग्रामीण इलाकों के छात्रों को भी अब बड़े विश्वविद्यालयों में दाखिले का बराबर मौका मिलेगा।
एनटीए की ओर से देश के हर इलाके में परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे।
सीयूईटी के तहत दाखिला परीक्षा कंप्यूटर आधारित होगी।
फिलहाल, स्नातक पाठ्यक्रमों में सीयूईटी के मेरिट स्कोर से दाखिले मिलेंगे।
इसमें अनिवार्य तौर पर कक्षा 12वीं के अंकों का वैटेज नहीं होगा।
अगले साल से पीजी पाठ्यक्रमों में भी सीयूईटी अनिवार्य रूप से लागू की जाएगी