अंबिकापुर।सरगुजांचल के गांव-गांव में स्थापित देवालयों को व्यवस्थित रूप दिया जाएगा।इसके लिए पांच-पांच लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उक्त घोषणा जिला मुख्यालय सूरजपुर में की है।मुख्यमंत्री की इस घोषणा से देवालयों को नया स्वरूप मिलेगा।ये गांवों के आस्था केंद्र होते है जहां पारंपरिक पूजा अर्चना वर्षों से होती आ रही है
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरगुजा प्रवास के दौरान सूरजपुर में आदिवासी विकास सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने सम्मेलन में गोड़, कंवर, उरांव और चेरवा समाज के सामाजिक भवन के लिए 25- 25 लाख रुपए तथा बस्तर की तरह सरगुजा में भी देवालयों के निर्माण के लिए पांच-पांच लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने माता राजमोहिनी देवी की मूर्ति और उनके नाम पर चौक स्थापित किए जाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी समाज के आगे बढ़ने के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। शिक्षा से ही कोई समाज मजबूती से आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा की प्रदेश में भी शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष जोर दिया जा रहा है। अच्छी शिक्षा के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम और हिंदी माध्यम स्कूल खोले जा रहे हैं। जवाहर उत्कर्ष योजना, प्रयास आवासीय विद्यालय और एकलव्य विद्यालय के माध्यम से बच्चों की अच्छी शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने को कहा। साथ ही बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित भी किया।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना के माध्यम से दूरस्थ और ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। लोगों को अपने घर के नजदीक ही निश्शुल्क इलाज और जांच के साथ दवा मिल रही है। सम्मेलन को आदिम जाति कल्याण मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, सरगुजा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष खेलसाय सिंह और छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने भी संबोधित किया