Gulam Nabi Azad Resigns: गुलाम नबी आजाद ने छोड़ा congress party, जानिए क्या है बात

Gulam Nabi Azad Resigns कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद कांग्रेस ने कहा, यह अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और ध्रुवीकरण के खिलाफ लड़ रही है तब यह इस्तीफा हुआ है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इस्तीफे में कही गई बातें तथ्यों के मुताबिक नहीं हैं, इसका समय भी ठीक नहीं है.

कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने कहा, ‘यह बेहद दुख की बात है कि जब कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और ध्रुवीकरण के खिलाफ लड़ रही है तो उस समय यह इस्तीफा आया.’ उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते थे कि आजाद जैसे वरिष्ठ नेता विपक्ष और जनता की आवाज को बल देंगे, लेकिन उन्होंने यह नहीं किया.

आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पांच पन्नों के इस्तीफे में कहा कि वह ‘भारी मन’ से यह कदम उठा रहे हैं. आजाद पार्टी में बदलाव की मांग करने वाले जी-23 समूह का हिस्सा हैं. आगे आजाद ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को चला रहे कुछ लोगों द्वारा नियंत्रित कांग्रेस ने देश हितकारी मुद्दों की खातिर लड़ने की इच्छाशक्ति और क्षमता खो दी है.

उन्होंने खत में कहा कि पार्टी नेतृत्व को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकालनी चाहिए थी. आजाद ने कहा कि पार्टी की कमजोरियों पर ध्यान दिलाने के लिए खत लिखने वाले 23 नेताओं को अपशब्द कहे गए, उन्हें अपमानित किया गया और नीचा दिखाया गया. उन्होंने कांग्रेस से अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि पार्टी में किसी भी स्तर पर चुनाव नहीं कराए गए.

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‘अब वापस नहीं आया जा सकता’

आजाद ने कहा कि कांग्रेस में हालात अब ऐसी स्थिति पर पहुंच गए हैं, जहां से वापस नहीं आया जा सकता. उन्होंने कहा कि पार्टी में अगुआई के लिए परोक्ष तौर पर अपने प्रतिनिधियों को आगे बढ़ाया जा रहा है.

Gulam Nabi Azad Resigns उन्होंने पार्टी के साथ ‘बड़े पैमाने पर हुए धोखे’ के लिए नेतृत्व को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि एआईसीसी के चुने हुए पदाधिकारियों को एआईसीसी का संचालन करने वाले कुछ लोगों की ओर से तैयार की गई सूचियों पर दस्तखत करने के लिए मजबूर किया गया
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