जल्द ही विदेशी नागरिकों के लिए विशेष श्रेणी का ‘आयुष वीजा’ शुरू किया जाएगा। इसकी मदद से विदेशी नागरिक यहां आकर पारंपरिक चिकित्सा का लाभ उठा सकेंगे। गुजरात के महात्मा गांधी मंदिर में बुधवार को तीन दिवसीय वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, भारत जल्द ही पारंपरिक औषधि उत्पादों को मान्यता देने के लिए ‘आयुष चिह्न’ भी जारी करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, आयुष चिह्न देश के आयुष उत्पादों की गुणवत्ता को प्रामाणिकता प्रदान करेगा। नवीनतम तकनीक का उपयोग करके पुनरीक्षित उत्पादों को चिह्न दिया जाएगा। इससे विश्व के लोगों को विश्वास होगा कि वे गुणवत्तापूर्ण आयुष उत्पाद खरीद रहे हैं। उन्होंने कहा, आयुष उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हमने बीते सालों में अलग-अलग देशों के साथ 50 से अधिक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इस मौके पर पीएम ने 22 हजार करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की नींव रखी।
150 देशों के लिए खुलेगा निर्यात बाजार
पीएम ने कहा, हमारे आयुष विशेषज्ञ भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के साथ मिलकर आईएसओ मानक विकसित कर रहे हैं। इससे आयुष के लिए 150 देशों से भी अधिक देशों में एक विशाल निर्यात बाजार खुलेगा।
इसी तरह भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने भी पिछले ही हफ्ते अपने नियमों में ‘आयुष आहार’ नाम की एक नई श्रेणी घोषित की है। इससे हर्बल पोषक आहारों के उत्पादों को बहुत सुविधा मिलेगी।
1800 करोड़ से अधिक का हुआ आयुष क्षेत्र
पीएम ने कहा, 2014 में भारत में आयुष क्षेत्र करीब 300 करोड़ का था, जो अब बढ़कर 1800 करोड़ से अधिक का हो गया है। आयुष मंत्रालय ने पारंपरिक दवाओं के क्षेत्र में स्टार्टअप संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। मोदी ने कहा, यह पहली बार है, जब आयुष क्षेत्र के लिए निवेश शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।
मैंने इसके बारे में उस समय सोचा था, जब कोविड का प्रकोप शुरू हुआ था। इस दौरान ‘आयुष काढ़ा’ और इसी तरह के अन्य उत्पादों ने लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद की है। उन्होंने कहा, इस साल अब तक 14 स्टार्टअप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो चुके हैं। मुझे विश्वास है कि जल्द ही आयुष के क्षेत्र में यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप्स उभरेंगे।
तुलसी भाई
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रॉस मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं। वह मुझे बता रहे थे कि भारतीय शिक्षकों ने उन्हें पढ़ाया। आज जब सुबह वह मुझसे मिले तो कहा कि देखो भाई मैं तो पक्का गुजराती हो गया हूं। मेरा कोई गुजराती नाम रख दो। यही कारण है कि आज से मैं अपने दोस्त का नाम ‘तुलसी भाई’ रखता हूं। तुलसी नाम रखने की वजह बताते हुए पीएम ने कहा, तुलसी एक ऐसा पौधा है, जो भारत की आध्यात्मिक विरासत का अहम हिस्सा है।
पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ाने के लिए सरकारी सहयोग जरूरी : डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रॉस गैब्रेयसस ने बुधवार को कहा कि पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकारी समर्थन के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक निवेश भी काफी महत्वपूर्ण है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, सामान्य और विशेष रूप से पारंपरिक चिकित्सा में दवा के लिए नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को सहारा देने के लिए आवश्यक सरकारी प्रतिबद्धता के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक निवेश भी जरूरी है। डॉ. गैब्रेयसस ने पारंपरिक चिकित्सा को एक स्थायी, पर्यावरण के प्रति संवेदनशील और न्यायसंगत तरीके से विकसित करने का भी आह्वान किया।
केन्या के पूर्व राष्ट्रपति ओडिगा की बेटी की आयुर्वेद से लौटी आंखों की रोशनी
पीएम ने कहा कि केन्या के पूर्व राष्ट्रपति राइला ओडिगा की बेटी रोजमेरी ने संभवत: ट्यूमर के ऑपरेशन की वजह से आंखों की रोशनी खो दी थी। भारत में आयुर्वेदिक उपचार से आंखों की रोशनी वापस आ गई।
अभी आयुर्वेदिक उत्पादों के लिए हैं दो आयुष मार्क
आयुष मार्क आयुर्वेदिक, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथिक उत्पादों के लिए होगा। अभी हर्बल उत्पादों के लिए आयुष प्रीमियम मार्क और आयुष स्टैंडर्ड मार्क हैं।
अभी जारी होने वाले प्रमुख क्वालिटी मार्क- एफएसएसएआई मार्क खाद्य उत्पादों पर, एगमार्क कृषि उत्पादों, आईएसआई मार्क औद्योगिक सामानों, बीआईएस हॉलमार्क स्वर्ण आभूषणों व सिक्कों, एफपीओ मार्क प्रसंस्कारित फल उत्पादों, ऑर्गेनिक कृषि उत्पाद मार्क और पर्यावरण अनुकूल उत्पादों के लिए इको मार्क। साथ ही वेज-नॉनवेज के लिए लाल-हरी बिंदी।