चुनाव आयोग (EC) बिहार के बाद अब देशभर में फेजवाइज स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR (सामान्य शब्दों में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन) करवाएगा।
PTI के अनुसार, देश में SIR की शुरुआत उन राज्यों से होगी, जहां अगले साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पहले फेज में असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट का वेरिफिकेशन होगा।
दरअसल, चुनाव आयोग SIR के तहत वोटर लिस्ट की जांच करता है। आयोग के अनुसार, इसका उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना और अवैध मतदाताओं, जैसे विदेशी नागरिकों, मृत व्यक्तियों या स्थानांतरित लोगों को हटाना है।
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने 6 अक्टूबर को कहा था कि सभी राज्यों में SIR शुरू करने का काम चल रहा है। इसके रोलआउट पर अंतिम फैसला चुनाव आयोग लेगा। तीनों आयुक्त राज्यों के लिए SIR शुरू करने की तारीखों पर फैसला लेने के लिए मिलेंगे।
बिहार विधानसभा चुनावों की घोषणा करते हुए CEC कुमार ने 24 जून को बिहार SIR शुरू करते समय अखिल भारतीय SIR की योजना की घोषणा की थी।
चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के लिए 2 तरीके बताए…
पहला: बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर, एक प्री-फील्ड फॉर्म गणना प्रपत्र (मतदाता की जानकारी और दस्तावेज) लेकर जाएंगे।
दूसरा: कोई भी व्यक्ति चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर यह फॉर्म डाउनलोड करके उसे भर सकता है।
स्क्रीनिंग के 4 नियम
वोटर का नाम अगर 2003 की लिस्ट में है तो कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। सिर्फ फॉर्म भरना होगा।
1 जुलाई 1987 से पहले जन्म हुआ है तो जन्मतिथि या जन्मस्थान प्रमाण देना होगा।
1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्म हुआ तो जन्मतिथि और जन्मस्थान दोनों का प्रमाण देना होगा।
2 दिसंबर, 2004 के बाद जन्मे हैं तो जन्मतिथि, जन्मस्थान का प्रमाण और माता-पिता के दस्तावेज देने