भारी वाहनों में डीजल के साथ मिलाकर बेचने की आशंका, सालों से नहीं हुई किसी पंप पर कार्रवाई
RGHNEWS प्रशांत तिवारी रायगढ़। कथित बायोडीजल या बेस ऑयल को लेकर अचानक से कार्रवाई बंद हो गई है। इस बीच पेट्रोल पंप संचालकों ने भी इस कारोबार में हाथ डाल दिए हैं। कुछ पेट्रोल पंपों में बेस ऑयल की गाड़ियां नियमित रूप से देखी जा रही हैं। हाल ही में महिंद्रा कंपनी की एक गाडी में बेस ऑयल डालने के कारण खराब होने का मामला सामने आया था। कंपनी ने वाहन मालिक को इसकी जानकारी दी थी। यह कोई सामान्य प्रकरण नहीं था। बेस ऑयल का जो भी कारोबार रायगढ़ में चल रहा है, वह बेहद संदेहास्पद है। जब तक इसमें क्रशर संचालक और दूसरे लोग शामिल थे तब तक यह थोड़ा कंट्रोल में था । अब बायोडीजल के नाम पर बेस ऑयल ही बेचा जा रहा है।
अब इस कारोबार में कुछ पेट्रोल पंप संचालक भी शामिल हो गए हैं। भारी वाहनों में बेस ऑयल को डीजल के साथ मिलाकर बेचने का काम किया जा रहा है। सूत्रों से माने तो गोरखा खरसिया टिमरलगा और पूंजीपथरा क्षेत्र में बेस ऑयल के बाउजर बड़ी संख्या में चल रहे हैं। बहुत आसानी से एक जगह से दूसरी जगह तक बेस ऑयल भेजा जा रहा है। कोई जांच नहीं होने के कारण घटिया क्वालिटी का बेस ऑयल भी बेच दिया जाता है। वाहनों के जल्दी खराब होने की शिकायतें बढ़ गई हैं। गाड़ियों में बेस ऑयल डालने की एक वजह ड्राइवर भी हैं। डीजल में मिलाकर बेस ऑयल डाला जा रहा है जिससे ड्राइवरों की आमदनी हो रही है।
*आधा दर्जन को अनुमति*
रायगढ़ जिले में बायोडीजल विक्रय के लिए खाद्य विभाग ने पंजीयन किया है। लेकिन किसी को ओरिजिनल बायोडीजल का केमिकल फार्मूला नहीं मालूम। इसलिए बेस ऑयल को ही बायोडीजल बताकर बेचा जा रहा है। जिले में आधा दर्जन कारोबारियों का पंजीयन किया गया है। सूत्रों के मुताबिक कुछ पेट्रोल पंप में बेस ऑयल मिश्रित डीजल बिक रहा है। पिछले चार सालों में एक भी पंप की जांच नहीं हुई है।