देश में म्यूचुअल फंड्स की पहुंच अगले 10 साल में 10 प्रतिशत से दोगुनी होकर 20 प्रतिशत के पार पहुंचने का अनुमान है. इस दौरान म्यूचुअल फंड्स की एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 300 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होने की उम्मीद है. यह जानकारी एक रिपोर्ट में सामने आई. ग्रो के साथ साझेदारी में बेन एंड कंपनी की ओर से जारी रिपोर्ट ‘भारत कैसे निवेश करता है 2025’ में कहा गया कि इंडस्ट्री में विकास का अगला चरण छोटे शहरों और नए युवा निवेशकों की ओर से संचालित किया जाएगा.
एयूएम 300 लाख करोड़ के पहुंचने का अनुमान
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की म्यूचुअल फंड्स इंडस्ट्री का एयूएम 2035 तक 300 लाख करोड़ रुपये के पार जाने का अनुमान है और इस दौरान डायरेक्ट इक्विटी होल्डिंग्स भी 250 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है. रिपोर्ट के मुताबिक, देश का म्यूचुअल फंड इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है और कई परिवार मार्केट लिंक्ड निवेश की ओर आकर्षित हो रहे हैं. इसे डिजिटल प्लेटफॉर्म, रेगुलेशन और निवेशकों के बढ़ते विश्वास का फायदा मिलेगा, जो कि वेल्थ क्रिएशन के लिए बाजार पर अधिक भरोसा कर रहे हैं.
इन शहरों में रहेगा नई ग्रोथ का ज्यादा हिस्सा
रिपोर्ट में कहा गया कि नई ग्रोथ का अधिकांश हिस्सा टॉप 30 शहरों से बाहर रहने वाले बड़े और संपन्न परिवारों से आएगा. टॉप 30 शहरों के बाद के 70 शहरों के कई संपन्न निवेशकों की तरफ से भी म्यूचुअल फंड को ज्यादा एक्टिव रहने से अपनाने की उम्मीद है. यह बढ़ती भागीदारी लॉन्ग टर्म में बनती है. इंडस्ट्री की एसेट्स में पांच साल से ज्यादा की अवधि वाली होल्डिंग्स का हिस्सा हाल के सालों में दोगुने से भी ज्यादा हो गया है.
भारत में बेन की वित्तीय सेवाओं के भागीदार और प्रमुख सौरभ त्रेहन ने कहा कि भारतीय परिवार बचत-आधारित मानसिकता से धीरे-धीरे निवेश-आधारित दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहे














