महाराष्ट्र के सियासी संकट में सबसे बड़ा मोड़ बुधवार दोपहर को आया। शिवसेना ने व्हिप जारी कर अपने विधायकों को शाम को सीएम हाउस पहुंचने का आदेश दिया और गैरमौजूदगी की स्थिति में एक्शन की चेतावनी दी। इसके कुछ ही देर बाद एकनाथ शिंदे के ट्वीट ने हलचल मचा दी। उन्होंने कहा कि ये व्हिप अवैध है। इसके अलावा उन्होंने सुनील प्रभु को हटाकर भरत गोगावले को अपना चीफ व्हिप नियुक्त किया है। यानी शिंदे अब खुद शिवसेना पर दावा ठोक रहे हैं।
इससे उद्धव ने कैबिनेट की बैठक भी बुलाई थी पर कोरोना का हवाला देकर इससे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुटे। बैठक के थोड़ी ही देर बाद उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई। इस बैठक से 8 मंत्री गायब रहे। बैठक से पहले संजय राउत इशारा कर चुके हैं कि विधानसभा भंग होने की दिशा में जा रही है।
सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री उद्धव का पहला बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री ने कहा- हम देखेंगे आगे क्या होता है?
सूरत से गुवाहाटी पहुंच चुके एकनाथ शिंदे अब अपने साथ 46 विधायकों के होने का दावा कर रहे हैं। ये भी कह रहे हैं कि शिवसेना से अलग नहीं होंगे। लेकिन, गुवाहाटी में अभी 33 शिवसेना के विधायक हैं, 2 निर्दलीय हैं। अभी 2 शिवसेना विधायक संजय राठोर और जोगेश कदम पहुंचे हैं यानी संख्या 37 हो चुकी है। 2 और विधायकों का इंतजार किया जा रहा है, जो महाराष्ट्र से रवाना हो चुके हैं।
कुछ और हलचलें हैं.. जैसे- कमलनाथ ने कांग्रेस विधायकों से मुलाकात की और फिर उद्धव से मिलने का समय मांगा, जो नहीं मिला। शरद पवार ने राकांपा कोटे के मंत्रियों के साथ हालात पर मंथन किया। भाजपा भी अपने विधायकों के संपर्क में लगातार बनी हुई है।
4 बड़े अपडेट्स…
1. 3 शिवसेना विधायक योगेश कदम, मंजूला गावित और गोपाल दल्वी सूरत एयरपोर्ट से गुवाहाटी के लिए निकले। साथ में महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल भी हैं।
3. कमलनाथ ने कहा कि गठबंधन सरकार को कांग्रेस और राकांपा का पूरा समर्थन है। पवार भी अपना समर्थन जारी रखेंगे। उम्मीद है बागी महाराष्ट्र को झटका नहीं देंगे।
4. NCP ने कल विधायक दल की बैठक बुलाई है। शरद पवार और सुप्रिया सुले इस मीटिंग में शामिल हो सकती हैं।
शिंदे 40 विधायकों के साथ सूरत से गुवाहाटी पहुंचे हैं। सारे विधायक होटल रेडिसन ब्लू में ठहरे हैं। होटल के बाहर और अंदर असम पुलिस का पहरा है। CRPF के जवान भी होटल के बाहर मौजूद हैं। मीडिया को भी एक इंच यहां से वहां नहीं होने दिया जा रहा। हर आने-जाने वाले पर कड़ी निगाह रखी जा रही है।
होटल के अंदर से सिर्फ पुलिस अधिकारियों की गाड़ियां ही निकल सकती हैं। शिंदे ने अपने साथ 46 विधायकों के होने का दावा किया है और कहा है कि महाराष्ट्र सरकार से समर्थन वापसी के पत्र पर सबसे दस्तखत करवा लिए गए हैं। इन सभी विधायकों से शाम को राज्यपाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ेंगे
महाराष्ट्र में क्या हो रहा- भाजपा वेट एंड वाच मोड में, कांग्रेस-एनसीपी में मीटिंग्स का दौर

भाजपा फिलहाल भाजपा वेट एंड वाच की स्थिति में है। मुंबई के अलग-अलग इलाकों में बीजेपी नेता मीटिंग कर रहे हैं। एनसीपी की मीटिंग वाईबी चव्हाण हॉल में हुई है। इसमें पार्टी के सभी विधायकों को शरद पवार से संबोधित किया है।
बालासाहब थोराट के बंगले पर कांग्रेस के विधायकों की बैठक हुई है। इसमें कमलनाथ ने सभी विधायकों को संबोधित किया है। शिवसेना ने सभी विधायकों के नाम एक पत्र जारी कर शाम पांच बजे तक सभी को मुंबई आने के लिए कहा है। अगर वे शाम की मीटिंग में शामिल नहीं होते हैं तो उनकी पार्टी की सदस्यता रद्द मानी जाएगी।
4 सबसे बड़े बयान…
1. एकनाथ शिंदे बोले- हमारे पास 46 विधायक हैं और ये बढ़ेंगे। आगे की रणनीति हम सभी विधायकों के साथ मिलकर तय करेंगे। शिवसेना तोड़ने का कोई इरादा नहीं। हम किसी दूसरी पार्टी के संपर्क में नहीं हैं।
2. संजय राउत बोले- महाराष्ट्र में 2 या 3 दिनों में क्या होगा यह कोई नहीं जानता। भाजपा के समर्थन के बिना शिवसेना के विधायकों का अपहरण नहीं किया जा सकता था।
3. कमलनाथ बोले- कांग्रेस और राकांपा महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार को अपना समर्थन जारी रखेगी। मैंने शरद पवार जी से भी बातचीत की है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे गठबंधन सरकार को अपना समर्थन जारी रखेंगे। इसके अलावा कोई इरादा नहीं है। मुझे भरोसा है कि शिवसेना के बागी शिवाजी महाराज के राज्य को चोट नहीं पहुंचाएंगे।
4. नितिन राउत बोले- कैबिनेट मीटिंग में उद्धव ठाकरे खुश थे। उनके चेहरे पर कोई टेंशन नहीं दिख रही थी। यह संकेत है कि महाराष्ट्र में सरकार खतरे में नहीं है।
जान लीजिए गठबंधन सरकार के अहम समीकरण और सत्ता का गणित
महाराष्ट्र में सोमवार को हुए विधान परिषद चुनाव में महाविकास अघाडी का बहुमत 151 तक गिर गया है। राज्यसभा चुनाव के दौरान महाविकास आघाडी के पास 162 विधायक थे, जबकि उससे पहले ये संख्या 170 थी। यानी राज्यसभा चुनाव के बाद महाविकास अघाडी के 11 विधायक कम हुए हैं।
परिषद चुनाव से पहले और बाद में तुलना करके देखा जाए तो कुल 19 विधायक महाविकास आघाडी से दूर हुए। दूसरी तरफ अब भाजपा को 134 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सरकार टिकने के लिए 144 का बहुमत जरूरी है। ऐसे में महाविकास अघाडी और भाजपा की संख्या में अंतर बहुत कम रह गया है।
फिर भी, शिवसेना में बगावत होती है तो दल-बदल कानून सबसे बड़ा चैलेंज होगा। बगावत के लिए एकनाथ शिंदे को इन विधायकों की सदस्यता भी कायम रखनी होगी। महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के पास कुल 56 विधायक है। कानून के हिसाब से शिंदे को 2/3 विधायक यानी 37 विधायक जुटाने होंगे। फिलहाल शिंदे के पास कुल 30 विधायक होने का दावा किया जा रहा है, जिसमें शिवसेना के 15 विधायक हैं।