जीएसटी में सुधार के बाद उम्मीद की जा रही थी कि, नई गाड़ियों की तरह पुरानी यानि सेकंड-हैण्ड गाड़ियों की खरीद पर बड़ी छूट हासिल होगी, लेकिन फ़िलहाल ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। छत्तीसगढ़ में पुरानी गाड़ियों को खरीदना अब महंगा हो गया है। राज्य सरकार ने पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री पर वाहन के मूल शोरूम कीमत का एक प्रतिशत टैक्स लगाने का फैसला किया है, जिससे आम जनता की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। यह नया टैक्स नियम सभी प्रकार के दोपहिया और चारपहिया वाहनों पर लागू होगा यानी अब बाइक, कार, ट्रक या किसी भी मालवाहक वाहन की खरीद-बिक्री पर वाहन की कीमत के अनुसार टैक्स चुकाना होगा। इसके बिना वाहन मालिक का नाम ट्रांसफर नहीं किया जाएगा।
उदहारण से समझें कितना लगेगा टैक्स
उदाहरण के तौर पर, में यदि कोई वाहन 10 लाख रुपये का है, तो उस पर 10 हजार रुपये टैक्स देना होगा। वहीं 20 लाख के वाहन पर 20 हजार रुपये की देनदारी होगी। यह नियम प्रदेश में पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री प्रक्रिया को महंगा बना देगा इसकी अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई है।
दिल्ली में 15 साल पुरानी गाड़ियां प्रतिबंधित
Chhattisgarh Latest News: हर बार वाहन की बिक्री और नाम ट्रांसफर पर यह टैक्स देना होगा इससे खासकर उन लोगों पर असर पड़ेगा, जो दिल्ली समेत अन्य शहरों से पुरानी लग्जरी गाड़ियां खरीदकर छत्तीसगढ़ में री-रजिस्ट्रेशन के बाद बेचते हैं। दिल्ली में 15 साल पुराने वाहनों को चलाना अवैध है, लेकिन रायपुर जैसे शहरों में इन्हें नए पंजीकरण के साथ आसानी से बेचा जाता था अब इन पर अतिरिक्त टैक्स लगने से यह कारोबार प्रभावित होगा।
हर साल डेढ़ लाख सेकेण्ड हैण्ड वाहनों की बिक्री
छत्तीसगढ़ में हर साल करीब डेढ़ लाख पुराने वाहनों की बिक्री होती है, जिनमें 55 प्रतिशत दोपहिया वाहन, 25 प्रतिशत कारें और 20 प्रतिशत माल व बड़े वाहन होते हैं। नए टैक्स के कारण बाइक और कार खरीदारों को भी अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा। परिवहन विभाग का यह कदम राजस्व बढ़ाने की दिशा में है, लेकिन आम उपभोक्ता पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
मूल शोरूम कीमत पर होगा लागू
परिवहन विभाग के मुताबिक पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री और नाम ट्रांसफर पर एक प्रतिशत टैक्स अनिवार्य कर दिया गया है। यह टैक्स वाहन की मूल शोरूम कीमत पर लागू होगा, भले ही वाहन कितना भी पुराना क्यों न हो। विभाग के आनलाइन सिस्टम में यह प्रावधान अपडेट कर दिया गया है और अब टैक्स चुकाए बिना नामांतरण की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी। इस नये नियम की जानकारी राज्य के सभी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) को भेज दी गई है और यह टैक्स वसूली शुरू कर दी गई है।
क्या लिखा है नोटिफिकेशन में?
राज्य सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि, “ऐसे समस्त यान, जो कस्ट्रक्शन इक्युपमेंट श्रेणी के अंतर्गत आते है, अर्थात् “संनिर्माण उपस्कर यान” से रबड़ की टायरवाली ( न्यूमेटिक टायर सहित ) स्वयं प्रणोदित मशीन, रबड़ पैडवाला या रबड़ अथवा स्टील ड्रम वाला पहिएदार माउंटेड काम्पैक्टर पहिएदार हाईड्रोलिक उत्खनक, पहिएदार लोडर, वेकहो लोडर, स्कीड-स्टीयर लोडर, डम्पर, मोटरग्रेडर, मोबाइल केन, रबड़ ट्रैक वाली डोजर और पेवर्स अथवा खड़ पैड या व्हील वाली पेवर्स, फोर्क लिफ्ट ट्रक, स्वयं लदान कंक्रीट मिक्सर या स्व-प्रणोदित चूम पम्प, स्व-प्रणोदित या कंकीट पम्प या अर्थ मूविंग या भूमि, चट्टान, अन्य सामाग्रियों के खनन, लदान, परिवहन, ड्रिलिंग, फैलाने, जमा करने या खाई बनाने, राजमार्ग से दूर खनन, औद्योगिक उपकम, सिचाई और सामान्य निर्माण कार्य करने के लिए मूल रूप से परिकल्पित, लेकिन राजमार्ग की क्षमताओं के साथ ऑन या ऑफ या ऑन और ऑफ रूप में उपंतरित और विनिर्मित कोई अन्य निर्माण उपस्कर थान या उसका संयोजन अभिप्रेत है।