छत्तीसगढ़ के नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। दरभा डिवीजन के कुल 10 माओवादियों ने शुक्रवार को सरेंडर किया, जिन पर मिलाकर 33 लाख रुपए का इनाम घोषित था। इनमें 8 लाख का इनामी मीडियम भीमा भी शामिल है, जो बस्तर क्षेत्र में कई वारदातों में सक्रिय रहा है।
सरेंडर के दौरान सभी माओवादियों ने AK-47, दो SLR और एक BGL सहित कई हथियार पुलिस के हवाले किए। सभी ने केंद्र व राज्य सरकार की पुनर्वास और आत्मसमर्पण नीति का लाभ लेने की इच्छा जताई।
कौन-कौन हुए सरेंडर?
सूत्रों के मुताबिक सरेंडर करने वाले सभी माओवादी दरभा डिवीजन के विभिन्न दलों से जुड़े थे। इनमें से कई पर हत्या, IED ब्लास्ट, पुलिस पार्टी पर फायरिंग, अपहरण और वसूली जैसी वारदातों के दर्जनभर मामले दर्ज हैं। सबसे चर्चित नाम ‘मीडियम भीमा’ (इनामी 8 लाख) का है, जो लंबे समय से सुकमा- दन्तेवाड़ा बॉर्डर क्षेत्र में सक्रिय था।
हथियारों की बड़ी बरामदगी
सरेंडर के दौरान जमा किए गए हथियार- 1 AK-47 राइफल, 2 SLR राइफलें, 1 BGL (Barrel Grenade Launcher), कई मैगजीन और जिंदा कारतूस सुरक्षा एजेंसियों ने इसे क्षेत्र में बढ़ती शांति और दबाव का सकारात्मक परिणाम बताया है।
कंट्रोल रूम में हुआ सरेंडर, अफसर रहे मौजूद
आत्मसमर्पण कार्यक्रम के दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी जैसे IG बस्तर पी. सुंदरराज, CRPF DIG आनंद सिंह राजपुरोहित, सुकमा SP किरण चव्हाण और कलेक्टर देवेश ध्रुव मौजूद रहे। अधिकारियों ने सरेंडर करने वाले माओवादियों को मुख्यधारा से जुड़ने और पुनर्वास योजना का लाभ उठाने की अपील की। सभी नक्सलियों ने कहा कि जंगलों में हिंसा और लगातार सुरक्षा बलों की दबाव रणनीति के कारण उन्होंने समर्पण का रास्ता चुना है। वे अब सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सामान्य जीवन जीना चाहते हैं।













